पुरस्कार लौटाने वाले बढ़ा रहे असहिष्णुता: उमा भारती

उमा भारती ने कहा- भाजपा असहिष्णु नहीं कोलकाता. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने शनिवार को कहा िक असहिष्णुता के नाम पर पुरस्कार लौटाने वाले बुद्धिजीवी अपने कदम से खुद असहिष्णुता बढ़ा रहे हैं. उनके इस कदम से दुनिया भर में भारत की छवि खराब हो रही है. लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2015 7:12 AM
उमा भारती ने कहा- भाजपा असहिष्णु नहीं
कोलकाता. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने शनिवार को कहा िक असहिष्णुता के नाम पर पुरस्कार लौटाने वाले बुद्धिजीवी अपने कदम से खुद असहिष्णुता बढ़ा रहे हैं. उनके इस कदम से दुनिया भर में भारत की छवि खराब हो रही है.
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर प्रदेश भाजपा कार्यालय से सेंट्रल एवेन्यू स्थित सरदार पटेल की मूर्ति तक आयोजित पदयात्रा और फिर सभा को संबोधित करते हुए उमा भारती ने कहा कि पुरस्कार लौटानेवाले बुद्धिजीवियों की कोशिश भारत की छवि खराब करने की है.
ऐसा करनेवाले लोग 84 के दंगों के वक्त कहां थे. धर्म के नाम पर जब देश का बंटवारा हुआ तब कहां थे. यह सही है कि पुरस्कार लौटाने वाले कई बुद्धिजीवी उस वक्त नहीं थे, लेकिन उनमें से भी कई उस वक्त थे. तब उन्होंने कुछ क्यों नहीं किया. आज देश भर में शांति है. जिन घटनाओं का हवाला बुद्धिजीवी दे रहे हैं वह घटनाएं कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में हुई, जहां भाजपा की सरकार नहीं है. उन घटनाओं के लिए भाजपा से जवाब मांगा जा रहा है.
दरअसल भारत भले 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ. लेकिन देश की आत्मा की आजादी 26 मई 2014 को हुई, जब नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनें. पहले देश के बुद्धिजीवी पटल पर वामपंथियों का कब्जा था. लेकिन आज इन बुद्धिजीवियों की हालत खराब हो गयी है, क्योंकि उन्हें कोई पूछ नहीं रहा.
मोदी का नारा है कि पाश्चचात्य के बिना आधुनिकीकरण. भाजपा असहिष्णु नहीं. असहिष्णु होने की घटना का उल्लेख करना ही है तो उस घटना का उल्लेख करना होगा जब फिल्मों के एक सुपरस्टार के कपड़े उतार कर अमेरिका में तलाशी केवल इसलिए ली गयी क्योंकि उनके नाम के साथ खान लगा था.

Next Article

Exit mobile version