परिवहन खर्च उठायेगी राज्य सरकार

कोलकाता. केंद्र सरकार ने राइस मिल मालिकों को दिये जानेवाले लेवी को बंद कर दिया है, इससे बंगाल में छोटे राइस मिल बंद होने के कगार पर हैं. इन राइस मिलों को खुला रखने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने नयी पहल शुरू करते हुए मिल मालिकों द्वारा वहन किये जानेवाले परिवहन खर्च का वहन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2015 1:38 AM

कोलकाता. केंद्र सरकार ने राइस मिल मालिकों को दिये जानेवाले लेवी को बंद कर दिया है, इससे बंगाल में छोटे राइस मिल बंद होने के कगार पर हैं. इन राइस मिलों को खुला रखने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने नयी पहल शुरू करते हुए मिल मालिकों द्वारा वहन किये जानेवाले परिवहन खर्च का वहन करने का फैसला किया है.

इसकी जानकारी देते हुए गुरुवार को राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बताया कि राज्य सरकार ने राइस मिल मालिकों को धान मिल तक पहुंचाने के लिए पड़ने वाले परिवहन खर्च की भरपाई करने का फैसला किया गया है. राज्य सरकार द्वारा यहां के कुल 341 ब्लॉक में 302 स्थानों पर सेंट्रल परचेजिंग सेंटर ( सीपीसी) बनाया जायेगा और यहां से राइस मिल तक धान को पहुंचाने का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. इन सेंटरोें की निगरानी स्थानीय बीडीओ की जिम्मेदारी होगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रत्येक वर्ष लगभग 29 लाख मेट्रिक टन चावल संग्रह करने का फैसला किया है.

इस चावल को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून व सीएम द्वारा शुरू किये गये स्पेशल पैकेज के तहत प्रदान किया जायेगा. वर्तमान समय में राज्य सरकार के पास 3.5 लाख मेट्रिक टन चावल रिजर्व है. उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य में 750 राइस मिल खुले हुए और 320 मिल बंद हैं. इन बंद कारखानों को खोलने के लिए भी राज्य सरकार योजना बना रही है.

दिसंबर तक पूरे राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार यहां जल्द से जल्द खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करना चाहती है और इस कानून के तहत अधिक से अधिक लोगों को इसके दायरे में लाना चाहती है. वर्तमान समय में राज्य के तीन जिलों में इसे लागू कर दिया गया है, नवंबर महीने में और चार जिलों में इसे लागू किया जायेगा और दिसंबर 2015 तक पूरे राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून लागू कर दिया जायेगा.

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