सारधा चिटफंड कांड : कुणाल की हालत बिगड़ी

सारधा घोटाला : चिकित्सकों के साथ नहीं किया सहयोग, अनशन जारी रखने पर अड़े कोलकाता : सारधा चिटफंड कांड के आरोपी व तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष का स्वास्थ्य लगातार 28वें दिन के अनशन के कारण बिगड़ गया है. शुक्रवार की रात उनकी अवस्था गंभीर हो गयी थी. प्रेसिडेंसी संशोधनागार अस्पताल में उनका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 5:35 AM
सारधा घोटाला : चिकित्सकों के साथ नहीं किया सहयोग, अनशन जारी रखने पर अड़े
कोलकाता : सारधा चिटफंड कांड के आरोपी व तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष का स्वास्थ्य लगातार 28वें दिन के अनशन के कारण बिगड़ गया है. शुक्रवार की रात उनकी अवस्था गंभीर हो गयी थी. प्रेसिडेंसी संशोधनागार अस्पताल में उनका इलाज जारी है. कुणाल को सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में ऐंठन, गंभीर पेट दर्द और कंपकपाने की शिकायत है.
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि संशोधनागार के चिकित्सकों ने श्री घोष को तत्काल किसी अस्पताल में भरती कराने की सलाह दी थी. यदि उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भरती कराया जाये, तो बेहतर रहेगा. शनिवार को कुणाल को देखने के लिए उनकी मां और पत्नी संशोधनागार अस्पताल पहुंची थीं.
अनशन तोड़ने के आग्रह को कुणाल ने एक बार फिर ठुकरा दिया. कुणाल की स्वास्थ्य संबंधी एक रिपोर्ट संशोधनागार प्रबंधन की ओर से अलीपुर अदालत में पेश किये जाने की सूचना है. सारधा घोटाले में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार किये जाने की मांग को लेकर वह भूख हड़ताल पर हैं. शारीरिक अवस्था बिगड़ने की शिकायत पर उन्हें पहले भी एसएसकेएम अस्पताल में भरती कराया जा चुका है. एसएसकेएम अस्पताल में गठित मेडिकल बोर्ड की निगरानी में संशोधनागार अस्पताल में भी उनकी चिकित्सा हुई है.
शुक्रवार की देर रात एसएसकेएम अस्पताल के चिकित्सक संशोधनागार अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन कुणाल घोष ने उनके साथ सहयोग नहीं किया. हालांकि संशोधनागार अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि कुणाल घोष की हालत फिलहाल स्थिर है. यह पूछे जाने पर कि क्या कुणाल घोष ने किसी निजी अस्पताल में भरती कराये जाने के लिए कहा है, इस पर अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में उनके पास कोई आवेदन नहीं आया है.
उल्लेखनीय है कि कुणाल घोष ने 14 सितंबर को सीबीआइ अदालत के न्यायाधीश के समक्ष अपनी बात रखते हुए भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी और सवाल किया था कि केंद्रीय एजेंसी ने घोटाले में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?

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