मछली व फल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर

कोलकाता: मछली के लिए अन्य राज्यों पर से निर्भरता कम करने के लिए राज्य सरकार ने उत्पादन बढ़ाने की योजना बनायी है. राज्य के सभी जिलाधिकारियों से वहां के जलाशय, झील, खाल व तालाब के संबंध में रिपोर्ट जमा करने को कहा है. इन जलाशयों में राज्य सरकार ने मत्स्य पालन करने की योजना बनायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2013 9:55 AM

कोलकाता: मछली के लिए अन्य राज्यों पर से निर्भरता कम करने के लिए राज्य सरकार ने उत्पादन बढ़ाने की योजना बनायी है. राज्य के सभी जिलाधिकारियों से वहां के जलाशय, झील, खाल व तालाब के संबंध में रिपोर्ट जमा करने को कहा है. इन जलाशयों में राज्य सरकार ने मत्स्य पालन करने की योजना बनायी है.

प्राथमिक रूप से राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों में लगभग 350 जलाशयों को चिन्हित किया है, जहां सबसे पहले मछली पालन किया जायेगा. इस संबंध में राज्य के मत्स्य विभाग के मंत्री सूर्यनाथ सिंह ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो अगले वर्ष से राज्य को मछली के लिए किसी अन्य राज्य पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा.

मछली पालन के साथ ही बड़े जलाशयों के किनारे केला, नींबू व पपीते के पेड़ लगाये जायेंगे, ताकि इनका उत्पादन भी बढ़ाया जा सके. इसके अलावा सभी जलाशयों के लिए पशुपालन विभाग की ओर से बत्तख व हंस की संख्या बढ़ाने के लिए मुफ्त में आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जा रही है. इस संबंध में मत्स्य विभाग के सह निदेशक आलोकनाथ प्रहराज ने बताया कि विभाग की ओर से मछलियों का चारा, जाल, खाद्य, दवा, चूना, केला का चारा, पपीता का चारा, नींबू का चारा सहित अन्य आवश्यक सामग्री सभी मत्स्य सहकारिता समितियों को मुहैया करायी जा रही है.

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