कोलकाता.
राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार इसी महीने से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आवास योजना के तहत फंड आवंटन शुरू करने जा रही है. राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस महीने के अंत में ग्रामीण आवास योजना के तहत लगभग 12 लाख लाभार्थियों को धनराशि जारी करने से पहले कई कड़े कदम उठाये गये हैं, ताकि योजना के क्रियान्वयन में तरुणेर स्वप्नो फंड जैसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो. राज्य के पंचायत विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों को आवास लाभार्थियों के विवरण अपलोड करने के लिए दो-तीन कंप्यूटर और स्मार्टफोन तैयार रखने को कहा है, ताकि धनराशि जारी करने से पहले उनके बैंक खाते के विवरण सहित उनका विवरण अपलोड किया जा सके.इस संबंध में पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी ने कहा कि हमारा पहला काम लाभार्थियों को ग्राम पंचायत कार्यालय में योजना के डेटाबेस में अपना आधार कार्ड और बैंक विवरण अपलोड करने में मदद करना होगा, ताकि उन्हें साइबर कैफे जाने के लिए मजबूर न होना पड़े.राज्य सरकार ग्रामीण आवास योजना में तरुणेर स्वप्नो जैसी गड़बड़ी नहीं चाहती है.
सूत्रों ने कहा कि राज्य दो कारणों से आवास योजना के तहत फंड ट्रांसफर के लिए एक फुलप्रूफ सिस्टम चाहता है, क्योंकि यह राशि तरुणेर स्वप्नाे की तुलना में बहुत अधिक है, इसलिए अगर अनुदान का फंड धोखाधड़ी कर निकाल लिया जाता है तो नकदी की कमी से जूझ रहे राज्य के लिए आवास लाभार्थियों को राशि वापस करना मुश्किल होगा.वहीं, साइबर सुरक्षा में बार-बार सेंध लगने से पूरे राज्य में सभी प्रत्यक्ष लाभ योजनाओं के लाभार्थियों में घबराहट पैदा हो सकती है.जानकारी के अनुसार, पंचायत विभाग किसी भी जालसाजी को रोकने के लिए धन हस्तांतरित होने से एक या दो दिन पहले लाभार्थी विवरण अपलोड करने के लिए ग्राम पंचायतों के साथ एक विशेष ऐप साझा करेगा. राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को लाभार्थी विवरण अपलोड करने के लिए विशेष शिविर लगाने के लिए भी कहा है. प्रत्येक लाभार्थी को शिविरों में जाने के लिए व्यक्तिगत रूप से सूचित करना होगा.
गाैरतलब है कि राज्य सरकार इस महीने अपने खजाने से ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनाने के लिए लगभग 12 लाख लाभार्थियों को 60,000 रुपये की पहली किस्त हस्तांतरित करने वाली है. केंद्र ने कुछ साल पहले बंगाल में इस योजना में अनियमितताओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत अपने हिस्से के फंड जारी करने पर रोक लगा दी थी. राज्य सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उन परिवारों को आवासीय सुविधाएं देना है जो खुद के घर बनाने में सक्षम नहीं हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है