कोलकाता. प्रदेश भाजपा की ओर से महानगर में 30 नवंबर को निकलने वाले महाजुलूस मेें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शामिल नहीं होंगे. उनका कोलकाता दौरा टल गया है. इस बात की जानकारी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने दी. गुरुवार को सिन्हा ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दिसंबर में राज्य में होनेवाली रैलियों में शामिल होंगे. उन्होंने इस तरह की खबरों को खारिज कर दिया कि 30 नवबंर की रैली में शाह के नहीं आने के फैसले का बिहार चुनाव के नतीजों से कोई लेना-देना है.
श्री सिन्हा ने कहा कि विगत छह नवंबर को प्रदेश के नेताओं की राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठक हुई थी, जिसमें फैसला हुआ था कि पार्टी की ओर से दिसंबर में 6-7 सभाएं की जायेंगी. प्रदेश के नेतागण चाहते हैं कि अमित शाह उन रैलियों में शामिल हों. उनके मुताबिक 30 नवंबर को महानगर में निकाली जानेवाली रैली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के तानाशाही रवैये के खिलाफ होगी.
कॉलेज स्क्वायर से रानी रासमणि एवेन्यू तक निकाली जानेवाली रैली में पार्टी के केंद्रीय नेता शामिल होंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद पूरे राज्य में अराजकता की स्थिति हो गयी है. महिलाओं पर होनेवाले आपराधिक मामलों में इजाफा हुआ है. विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. पुलिस पर भी हमले हो रहे हैं. राज्य में सुरक्षा का माहौल नहीं है. इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ध्यान नहीं है.
राजनीतिक फायदे के इरादे से ही केवल बयानबाजी और घोषणाएं की जाती हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इससे बंगाल में पार्टी की संभावनाओं पर असर नहीं पड़ेगा. बिहार का चुनाव का आधार दूसरा है, लेकिन बंगाल की स्थिति विपरीत है.
राज्य में भाजपा की ताकत रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस और माकपा से अंदरूनी समझौते की कोशिश हो रही है. कथित असहिष्णुता के मुद्दे पर आवाज उठाने वाले और पुरस्कार लौटानेवाले कलाकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ इतना कुछ बोलनेवाले कलाकार बिहार के नतीजों के बाद अचानक से चुप कैसे हो गये? ऐसा इसलिए क्योंकि उनका विरोध प्रदर्शन बिहार चुनावों के मद्देनजर राजनीति से प्रेरित था.