माकपा की ब्रिगेड रैली 27 दिसंबर को

नयी दिल्ली/कोलकाता. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनावों से पहले अपनी खोई हुई ताकत को फिर से पाने की कोशिश में माकपा ने रविवार को कहा कि वह बढ़ती सांप्रदायिक असहिष्णुता और तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र पर किये जा रहे हमलों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करेगी. नयी दिल्ली में रविवार को माकपा महासचिव सीताराम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2015 1:18 AM

नयी दिल्ली/कोलकाता. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनावों से पहले अपनी खोई हुई ताकत को फिर से पाने की कोशिश में माकपा ने रविवार को कहा कि वह बढ़ती सांप्रदायिक असहिष्णुता और तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र पर किये जा रहे हमलों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करेगी.

नयी दिल्ली में रविवार को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने जहां तृणमूल कांग्रेस पर संसद में भाजपा के साथ मैच-फिक्सिंग का आरोप लगाया, वहीं पार्टी नेता सूर्यकांत मिश्रा ने कहा, ‘हमने केंद्र में भाजपा सरकार के 18 महीने देखे हैं, यही गुपचुप समझौता हमने खासतौर पर आर्थिक नीतियों पर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साढ़े चार साल के शासन में देखा है.’

येचुरी ने संवाददाताओं से कहा कि ‘देशभर में संघ-भाजपा द्वारा फैलाई जा रही नफरत और बढ़ती सांप्रदायिक असहिष्णुता’ के खिलाफ वाम दल दिसंबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अभियान में सभाएं और विरोध प्रदर्शन शामिल होंगे जिनका समापन 27 दिसंबर को कोलकाता में एक बड़ी रैली के साथ होगा जहां माकपा खुद को मजबूत करने के रास्ते तलाशने के लिए पांच दिन का सांगठनिक मंथन शुरू करेगी. यह रैली ब्रिगेड परेड मैदान में होगी. रैली में दस लाख लोगों के जुटने की संभावना है. पश्चिम बंगाल से पोलित ब्यूरो में अपने सहयोगियों बिमान बसु और मोहम्मद सलीम के साथ येचुरी ने कहा कि पांच दिवसीय आयोजन में 436 प्रतिनिधि शामिल होंगे.

उन्होंने कहा कि इसमें पार्टी संगठन पर, उसकी कमजोरियों पर और उसमें नयी जान डालने से संबंधित एक रिपोर्ट पर चर्चा की जायेगी और इस विषय पर एक विस्तृत प्रस्ताव पारित किया जायेगा जो आने वाले दिनों में माकपा की गतिविधियां तय करेगा. माकपा नेता ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान बंगाल के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 11300 जनसभाएं होंगी. येचुरी ने कहा, ‘‘कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य तृणमूल कांग्रेस और उसकी राज्य सरकार द्वारा हिंसा, धमकाने और आतंक के जरिये लोकतंत्र पर जारी हमलों को रोकना है.’

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