मातृभूमि रेल यात्री की मौत का मामला, दीपक ने हाथ जोड़ कर मांगी थी माफी

कोलकाता. हुगली िजले में मातृभूमि लोकल ट्रेन के यात्री दीपक शर्मा की मंगलवार रात हुई मौत से आरपीएफ ने पल्ला झाड़ते हुए यह साफ कर दिया है कि दीपक को किसी ने भी चलती ट्रेन से धक्का नहीं दिया है. घटना के 24 घंटे के अंदर आरपीएफ असिस्टेंस सिक्यूरिटी कमिश्नर ने पत्रकारों को यह स्पष्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2015 8:52 AM

कोलकाता. हुगली िजले में मातृभूमि लोकल ट्रेन के यात्री दीपक शर्मा की मंगलवार रात हुई मौत से आरपीएफ ने पल्ला झाड़ते हुए यह साफ कर दिया है कि दीपक को किसी ने भी चलती ट्रेन से धक्का नहीं दिया है. घटना के 24 घंटे के अंदर आरपीएफ असिस्टेंस सिक्यूरिटी कमिश्नर ने पत्रकारों को यह स्पष्ट कर दिया कि दीपक ने डर कर ट्रेन से छलांग लगा दी थी.

जिस ट्रेन के डब्बे में यह घटना घटी थी, उसमें और पांच महिला कांस्टेबल थीं. उन्होंने ही दीपक को गेट पर झूल कर यात्रा नहीं करने और अंदर आने को कहा था. दूसरी ओर, दीपक शर्मा की विधवा सुषमा शर्मा ने रेलवे पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरपीएफ अपनी गलती को छिपाने की कोशिश कर रही है. उसका कहना है कि दीपक हाथ जोड़ कर बार-बार महिला बोगी में चढ़ने जैसी गलती पर क्षमा मांग रहा था. वह कह रहा था कि आगे आनेवाले स्टेशन पर वह उतर जायेगा, लेकिन महिला आररपीएफ रजनीगंधा नस्कर ने उसकी एक नहीं सुनी और चलती गाड़ी से उसे धक्का दे दिया. हालांकि कई महिला यात्रियों ने उसे ऐसा करने से रोकने की कोशिश की. सुषमा ने आरोपी के विरुद्ध बेलूड़ जीएरपी में एक शिकायत दर्ज करायी है.

परिवार का छिन गया सहारा

उत्तरपाड़ा के द्वारिक जंगल स्ट्रीट में सन्नाटा पसरा है. तीन वर्ष पहले ही 42 वर्षीय दीपक का विवाह सुषमा से हुआ था. वह अपनी मां और पत्नी के साथ रहता था. गंजी के कारखाने में काम कर किसी तरह अपने परिवार की जिंदगी की गाड़ी खींच रहा था. सात दिन हुए थे, वह काम भी उसके हाथ से चला गया था. काम की खोज में वह दिन दिनभर भटक रहा था. रविवार को उसके घर में एकादशी की पूजा होनेवाली थी. मंगलवार को घर से निकलते वक्त वह कह कर गया था कि आते वक्त वह पूजा का सामान लेता आयेगा. इसलिए वापस आते समय वह उत्तरपाड़ा में उतर गया था.

बुधवार को आरपीएफ असिस्टेंस सिक्यूरिटी कमिश्नर ने बताया कि उनमुक्त जनता ने महिला कांस्टेबलों के साथ अमानवीय व्यवहार किया था. रजनीगंधा नस्कर को इतनी मार पड़ी है कि उसे बीआर सिंह अस्पताल की आइसीयू में भरती कराया गया है. अन्य चार महिला कांस्टेबलों को लिलुआ अस्पताल में भरती कराया गया है, जिनमें से अपर्णा पात्र, सुशीला दास और झूमा राय को गंभीर चोटें आयी हैं. घायल बाली आरपीएफ के इंस्पेक्टर राजकुमार तथा श्रीरामपुर आरपीएफ के एएसआइ समीरन चौधुरी को हावड़ा ऑर्थोपेडिक अस्पताल में भरती कराया गया है.

रेल पुलिस पर आरोप लग रहा है कि भीड़ के दबाव में आकर भद्रेश्वर निवासी जंगकुमार यादव जब हावड़ा स्टेशन पर अस्वस्थ हो गये, तो पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाने की जरूरत नहीं समझी और देर होने के कारण जंगकुमार की मौत हो गयी.

वह लगभग एक घंटे तक स्टेशन पर अस्वस्थ पड़े रहे. जब एक यात्री ट्रॉली लेकर उसे अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करने लगा, तो उसे भी रेलवे की ओर से मेमो देने में देर की गयी.

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