कोलकाता: योगगुरु बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मांग की कि स्कूलों में योग को आवश्यक कर दिया जाये. गुरुवार को सॉल्टलेक स्थित साइ कंप्लेक्स में पांच दिवसीय योग व ध्यान शिविर के पहले दिन योगाभ्यास कराने के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि भाई दूज के दिन उनकी ममता बनर्जी से बात हुई थी.
उन्होंने कहा कि बंगाल के स्कूलों में योग को कंप्लसरी (अनिवार्य) कर दिया जाये. इससे सरकार का स्वास्थ्य मद पर खर्च कम हो जायेगा. उन्होंने कहा कि योग से जिंदगियां बदल गयी हैं. योग करेंगे तो मन में, तन में कोई रोग नहीं रहेगा. कोई विकार नहीं रहेगा. योग को जनांदोलन बनायें. योग से 99 फीसदी रोग मुक्त हो सकते हैं. उन्होंने आह्वान किया कि सारी दुनिया के लोग दवा छोड़ें और योग अपनायें. योग करेंगे, तो दवा भागेंगे. उन्होंने कहा कि योग हमारी संस्कृति है. पूर्वजों की संस्कृति है. वह अंतिम सांस तक लोगों की सेवा करते रहेंगे. उन्हें किसी की सेवा नहीं लेनी पड़े.
जो सुबह जल्दी उठते हैं, उनका भाग्योदय होता है. प्राण साक्षात ब्रह्म है. जब तक सांस है, तब-तक जीवन है. जीवन-मृत्यु ही प्राण है. उन्होंनेे योग व प्राणायाम करने पर जोर देते हुए कहा कि प्राण संपूर्ण औषधि है. उन्होंने कहा कि एलोपैथी में हर बीमारी के लिए अलग-अलग दवा दी जाती है. दवा बेचने वाली कंपनियों का चक्रव्यूह होता है. प्रत्येक दवा और रोग का अपना-अपना साइड इफेक्ट होता है. चारों ओर लूट खसोट मची हुई है. कपाल भाति करो और रोग भगाओ. कई के रोग योग करते-करते छूट गये हैं. विदेशी कंपनी पैसे व विज्ञापन से अपनी जगह बनाती है, लेकिन हमारे पास आम लोगों का सहयोग है. उनका उद्देश्य स्वदेशी परंपरा का प्रचार करना है. योग के साथ-साथ वैदिक शिक्षा की जरूरत है. कंप्यूटर, साइंस, इंजीनियरिंग के साथ-साथ वेद मंत्रों का भी ज्ञान होना चाहिए. इस उद्देश्य से सभी जिलों में आचार्यकुलम बनाया जायेगा. कोलकाता के आसपास भी आचार्यकुलम बनाया जायेगा. इसके लिए पांच से 10 एकड़ जमीन की जरूरत होगी.