लोकसभा के शीतकालीन सत्र के लिए तृणमूल कांग्रेस ने तय किया एजेंडा, असहिष्णुता व सांप्रदायिक सदभाव शीर्ष पर

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि असहिष्णुता, सांप्रदायिक सदभाव और संघीय ढांचे का मजबूतीकरण संसद के शीतकालीन सत्र में उसके एजेंडे में शीर्ष पर हैं और वह सदन में किसी भी व्यवधान के खिलाफ है. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि उनकी पार्टी की रणनीति तय होनी अभी बाकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2015 10:51 AM
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि असहिष्णुता, सांप्रदायिक सदभाव और संघीय ढांचे का मजबूतीकरण संसद के शीतकालीन सत्र में उसके एजेंडे में शीर्ष पर हैं और वह सदन में किसी भी व्यवधान के खिलाफ है. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि उनकी पार्टी की रणनीति तय होनी अभी बाकी है. पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ चर्चा के बाद यह तय की जायेगी. लेकिन हां, हम चाहते हैं कि संसद कामकाज करे. हम सदन में कोई व्यवधान नहीं चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि यदि संसद सुचारू रूप से कामकाज करेगी, तो हम महंगाई, असहिष्णुता, धर्मनिरपेक्षता को खतरे जैसे देश के ज्वलंत मुद्दे उठा पायेंगे.

हम इन मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह बना सकते हैं. श्री बंद्योपाध्याय का बयान ऐसे समय में आया है, जब ऐसी संभावना है कि शीतकाल से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सर्वदलीय बैठक बुला सकती हैं. संसद के मानसून सत्र में व्यापमं और ललितगेट मुद्दे को लेकर कोई कामकाज नहीं हो पाया था. जब श्री बंद्योपाध्याय से आगामी संसद सत्र में तृणमूल के एजेंडे में शीर्ष पर रहनेवाले मुद्दों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि असहिष्णुता और सांप्रदायिक सदभाव का मुद्दा हमारे एजेंडे में शीर्ष पर होगा.

उन्होंने कहा कि भारत में कभी ऐसा असहिष्णु माहौल नहीं रहा. हम संसद में असहिष्णुता का मुद्दा उठाना चाहते हैं. हमने हमेशा देश में सांप्रदायिक सदभाव को मजबूत करने के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की. वर्तमान स्थिति में सांप्रदायिक सदभाव खतरे में है. उन्होंने देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप को लेकर केंद्र पर प्रहार किया और कहा कि हमने संघीय ढांचे को मजबूत करने तथा राज्यों को और शक्तियां देने के पक्ष में हमेशा अपनी बात रखी है. केंद्र में वर्तमान शासन में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री को नजरअंदाज कर सीधे मुख्य सचिवों को फोन कर रहे हैं. क्या इस तरह आप संघीय ढांचे की सुरक्षा करते हैं, जो हमारे देश का आधार है? हम सभी को संघीय ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है.

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