एमपीएस मामले में कोर्ट से राज्य सरकार ने समय मांगा
कोलकाता. एमपीएस मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से बननेवाली कमेटी को आधारभूत मदद दिये जाने के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने के लिए राज्य सरकार ने समय की मांग की है. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अगले बुधवार को अपना रुख […]
कोलकाता. एमपीएस मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से बननेवाली कमेटी को आधारभूत मदद दिये जाने के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने के लिए राज्य सरकार ने समय की मांग की है. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अगले बुधवार को अपना रुख इस संबंध में स्पष्ट करने के लिए कहा है. इससे पहले की सुनवाई में कमेटी के आधारभूत ढांचे को मदद देने के संबंध में राज्य सरकार का रुख अदालत ने जानना चाहा था.
शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल जयंत मित्रा ने कहा कि सरकार के साथ उनकी फोन पर बात हुई है, लेकिन इस संबंध में कोई प्राथमिक फैसला नहीं हुआ है. इसलिए राज्य सरकार का इस संबंध में फैसला और किसी प्रकार की वित्तीय समस्या के संबंध में पता लगाने के लिए उन्हें समय चाहिए. खंडपीठ ने अगले बुधवार तक का समय निर्धारित किया. शुक्रवार को खंडपीठ ने सारधा मामले की तरह ही राज्य सरकार द्वारा सकारात्मक रवैया अख्तियार किये जाने की आशा जतायी. इसका कारण है कि एमपीएस के निवेशक भी इसी राज्य के ही हैं.
उल्लेखनीय है कि एमपीएस के कई निवेशक ने अपने पैसे वापस पाने के लिए मामला दायर किया था. लंबी सुनवाई के बाद निवेशकों के रुपये लौटाने के संबंध में अदालत ने एक कमेटी गठित करने का फैसला किया था. यह कमेटी ही संपत्ति का परिमाण और उसे बेचने व रुपये वापस लौटाने के संबंध में फैसला लेती.