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जासूसों ने जहाजों की जानकारी पाक भेजी

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देश की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की साजिश की परतें खुलने लगी हैं. कोलकाता में गिरफ्तार तीन संदिग्ध आइएसआइ एजेंटों ने प्राथमिक पूछताछ में नौ सेना के लिएजहाज बनाने वाले रक्षा मंत्रालय के उपक्रम गार्डेनरीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स से जुड़ी खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजने की बात का खुलासाकियाहै. […]

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देश की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की साजिश की परतें खुलने लगी हैं. कोलकाता में गिरफ्तार तीन संदिग्ध आइएसआइ एजेंटों ने प्राथमिक पूछताछ में नौ सेना के लिएजहाज बनाने वाले रक्षा मंत्रालय के उपक्रम गार्डेनरीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स से जुड़ी खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजने की बात का खुलासाकियाहै. वहीं मामले की आंच दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग तक पहुंच गयी है. उच्चायोग के एक अधिकारी की संलिप्तता सामने आ रही है.

{हाल ही में नौ सेना के हवाले किये गये एंटी सबमरीन की भी गुप्त जानकारी पाक भेजने का है अनुमान
{बहन से मिलने इरशाद अंसारी दो बार जा चुका है पाकिस्तान
कोलकाता. पोर्ट इलाके के इकबालपुर से रविवार को गिरफ्तार तीन पाकिस्तानी जासूसों में इरशाद अंसारी ने कथित तौर पर गार्डेनरीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में काम करने के दौरान यहां नौसेना के लिए बने कई जंगी जहाजों की जानकारी पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ को भेज चुका है. प्राथमिक पूछताछ में उसने इसका खुलासा किया है. कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के सूत्रों का कहना है कि आरोपी इरशाद ने जहाज निर्माण के दौरान कई खुफिया जानकारी मसलन वहन क्षमता, मारक क्षमता व जहाज की संरचना से संबंधित जानकारी पाकिस्तान को भेजा है. पुलिस को शक है कि हाल ही में गार्डेनरीच से नौसेना को सौंपे गये एंटी सबमरीन (पनडुब्बी रोधी जंगी जहाज) की कई गोपनीय जानकारी उसने पाकिस्तानी एजेंसी को भेजी होगी. हालांकि इस मामले में जासूसों ने कोई खुलासा नहीं किया है. तीनों से पूछताछ जारी है. कोलकाता पुलिस के स्पेशल टॉस्क फोर्स के उपायुक्त अखिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इरशाद अंसारी के चार भाई और पांच बहनें हैं.
आजादी के पहले उसकी बड़ी बहन का विवाह पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हुआ था. इसके बाद इरशाद के बड़े भाई और दूसरे नंबर के भाई समय-समय पर बहन के पास जाकर रहने लगे. बांग्लादेश बनने के बाद वे पाकिस्तान के कराची शहर में शिफ्ट हो गये. इरशाद 1985 में बांग्लादेश होते हुए पाकिस्तान गया. वहां उसका संपर्क आइएसआइ के अधिकारियों के साथ हुआ था. पिछले 10 वर्षों से वह आइएसआइ के लिए अपने साले मोहम्मद जहांगीर (48) और बेटे अशफाक अंसारी के साथ जासूसी कर रहा था. गौरतलब है कि रविवार को एसटीएफ ने इरशाद के साथ उसके बेटे अशफाक अंसारी और साले मोहम्मद जहांगीर को गिरफ्तार किया था. तीनो‍ं को सोमवार को बैंकशॉल कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने तीनों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. तीनों की तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ.
एजाज की पत्नी का फैसला बच्चे को जन्म देगी आस्मां, पालेगी नहीं
एजेंसियां, मेरठ
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के जासूस मोहम्मद एजाज की गर्भवती पत्नी आस्मां ने कहा है कि वह अपने गर्भ में पलनेवाली गद्दार की निशानी को कतई नहीं पालेगी, सिर्फ उसे जन्म देगी. अास्मां की इस घोषणा के बाद प्रोबेशन विभाग ने पेशकश की है कि ऐसी स्थिति में बच्चे का पालन पोषण विभाग द्वारा किया जायेगा. क्योंकि, भारत में पैदा होने के कारण वह बच्चा भारत का नागरिक होगा. एक मां के लिए इससे बड़ा फैसला क्या होगा, जो आस्मां ने किया है. एजाज से निकाह के बाद उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसका पति पाकिस्तान का जासूस व देश का गद्दार है. गौरतलब है कि 27 नवंबर को मेरठ से उसे गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से सेना के महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे. आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) की पूछताछ में एजाज ने कई राज उगले हैं.
वहीं, इस मामले में प्रोबेशन अधिकारी ऊषा तिवारी का कहना है कि अगर कोई बच्चे को लावारिस छोड़ देता है, तो उसके पालन पोषण का जिम्मा बाल कल्याण समिति संभालती है. उन्होंने कहा कि हम बच्चे को पालने के लिए तैयार हैं. लेकिन, हमारे संरक्षण में पले बच्चे का नागरिकता से कोई सरोकार नहीं होगा. नागरिकता भारत का कानून तय करेगा.
जासूसी मामला. बीएसएफ के हेड कांस्टेबल को हिरासत में भेजा
पाकिस्तान उच्चायोग तक पहुंची आंच
एजेंसियां, नयी दिल्ली
एक जासूसी गिरोह के मामले में पाक उच्चायोग के एक अधिकारी की भूमिका दिल्ली पुलिस की जांच के घेरे में है. गिरोह को लेकर आइएसआइ के एक कथित सदस्य व बीएसएफ के एक सेवारत कर्मी को गिरफ्तार किया गया है. संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र यादव के अनुसार, पाक इंटेलीजेंस ऑपरेटिव का कथित हैंडलर कफैतुल्ला खान उर्फ मास्टर राजा खुफिया संगठन की मदद से यहां एक जासूसी गिरोह चला रहा था. वह गिरोह के लिए और संसाधन जुटाने के उद्देश्य से अपने पाक समकक्ष से मिलनेवाला था. खान ने पुलिस को बताया कि उसके समकक्ष ने उससे यहां के पाक उच्चायोग में कार्यरत सूत्र के जरिये वीजा बनवाने को कहा था. हालांकि, उच्चायोग के सूत्र की पहचान अब तक नहीं हुई है. यादव ने कहा, गिरफ्तार दोनों आरोपितों से हमें अहम सुराग मिले तो हम केंद्रीय विदेश मंत्रालय से उच्चायोग कार्यालय के कर्मी से पूछताछ की मंजूरी मांगेंगे. वहीं, जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के एक गांव से खान ने एक रिश्तेदार अब्दुल राशिद के बारे में खुलासा किया, जो राजौरी में बीएसएफ की खुफिया इकाई में हेड कांस्टेबल था. खान को राजौरी जिले ले जाकर छापेमारी कर राशिद को भी गिरफ्तार कर दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
दिये गये कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश
वहीं, बीएसफ ने आइएसआइ से जुड़े संदिग्ध जासूसी मामले में उसके अब्दुल रशीद की कथित संलिप्तता के संबंध में कोर्ट आॅफ इंक्वायरी का आदेश दिया. कोर्ट आॅफ इंक्वायरी दिल्ली पुलिस की जांच से स्वतंत्र चलेगी. रशीद के पास से संवेदनशील व प्रतिबंधित तसवों के साथ रिकाॅर्ड भी मिले हैं. सूत्रों ने कहा कि बल यह पता करने की कोशिश कर रहा है कि उसके एलीट ‘जी’ (खुफिया शाखा) में कार्यरत व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल कैसे हो गया.
एक लाख की सैलरी पाता था आरोपी जवान
नयी दिल्ली. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया भारतीय सीमा सुरक्षा बल के हवलदार अब्दुल रशीद को पाक से हर महीने एक लाख रुपये की सैलरी मिलती थी. इतना ही नहीं इस जासूस की नजर झांसी के हथियार डिपो पर भी थी. जांच में सामने आया है कि आइएसआइ को झांसी में सेना की 31 आर्म्ड डिवीजन के हथियार डिपो के कुछ कागजात भी मिल गये हैं. पता चला है कि रशीद 2013 से गोपनीय सूचनाएं आइएसआइ तक पहुंचा रहा था.

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