चाय उद्योग: कई बागानों में काम रहा ठप, 10 दिसंबर को पहाड़ बंद

जलपाईगुड़ी/ दार्जिलिंग. चाय बागानों की बदहाली को लेकर श्रमिक संगठनों ने संघर्ष की राह पकड़ ली है. मंगलवार को तराई, डुवार्स व पहाड़ इलाके के चाय उद्योग में संयुक्त फोरम की ओर से बुलायी गयी हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिला. इसके अलावा बंद चाय बागानों को खुलवाने की मांग को लेकर गोरखा जन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 7:06 AM
जलपाईगुड़ी/ दार्जिलिंग. चाय बागानों की बदहाली को लेकर श्रमिक संगठनों ने संघर्ष की राह पकड़ ली है. मंगलवार को तराई, डुवार्स व पहाड़ इलाके के चाय उद्योग में संयुक्त फोरम की ओर से बुलायी गयी हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिला. इसके अलावा बंद चाय बागानों को खुलवाने की मांग को लेकर गोरखा जन मुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के श्रमिक संगठन दार्जिलिंग तराई डुवार्स प्लांटेशन लेबर यूनियन ने आगामी 10 दिसंबर को पहाड़ बंद का एलान कर दिया है.
चाय उद्योग में हड़ताल का तृणमूल कांग्रेस ने विरोध करने की घोषणा की थी. लेकिन मंगलवार को तृणमूल या उसके द्वारा समर्थित चाय श्रमिक संगठन के किसी भी नेता को खुलेआम विरोध में उतरते नहीं देखा गया. झारखंड मुक्ति मोरचा भी हड़ताल के खिलाफ था, लेकिन उसके लोग भी सामने नहीं आये. डुवार्स के कई बड़े-बड़े चाय बागानों में श्रमिकों ने काम बंद रखा, तो कई बागानों में श्रमिकों को काम करते देखा गया. संयुक्त फोरम के चाय श्रमिक नेता अजय महली ने बताया कि श्रमिकों की समस्या के समाधान के लिए हड़ताल बुलायी गयी, लेकिन जिन श्रमिकों ने काम पर जाना चाहा, उन्हें रोका भी नहीं गया. फोरम के नेता जियाउल आलम ने बताया कि हड़ताल सफल रही. कुछ ही चाय बागानों में काम हुआ है. राज्य व केंद्र सरकार, दोनों ही चाय उद्योग की अवस्था ठीक करने में असफल साबित हुए हैं.
झामुमो के नेता जॉन बरला ने बताया कि चाय उद्योग में हड़ताल बुलाने से समस्या का समाधान होने वाला नहीं. हड़ताल का विरोध करने के बावजूद हमने प्रतिरोध की नीति नहीं अपनायी. बागान में काम करके श्रमिकों ने हड़ताल को निरर्थक साबित कर दिया. जलपाईगुड़ी जिला तृणमूल अध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि राज्य सरकार संकटग्रस्त चाय बागानों के श्रमिकों के हित में न्यूनतम मूल्य पर चावल, गेहूं आदि मुहैया करा रही है, सरकारी भत्ता दिया जा रहा है, डंकन ग्रुप के मालिक पक्ष की सीआइडी जांच करायी जा रही है. विरोधी दल चाय श्रमिकों को लेकर जिस तरह की राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं, उसका जवाब श्रमिकों ने हड़ताल का समर्थन ना करके दे दिया है.

उधर, दार्जिलिंग में प्रेस गील्ड में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दार्जिलिंग तराई डुवार्स प्लांटेशन लेबर यूनियन के केंद्रीय महासचिव सूरज सुब्बा ने कहा कि बंद पानीघाटा चाय बागान सहित डुवार्स क्षेत्र के बंद चाय बागानों की अवस्था पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए हम लोगों ने 10 तारीख को बंद का एलान किया है. उन्होंने कहा कि विगत काफी दिनों से हम लोग बंद चाय बागानों को खुलवाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा हमारी मांगों को बारम्बार नजरअंदाज करने पर अब बंद के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है. महासचिव सुब्बा ने कहा कि हम लोगों ने बंद पानीघाटा चाय बगान खुलवाने की मांग को लेकर कर्सियांग एसडीओ कार्यालय के आगे रिले अनशन करने का निर्णय भी किया है. बुधवार को जिला प्रशासन से भेंट करके एक ज्ञापन पत्र सौंपा जायेंगा और उसी वक्त पानीघाटा क्षेत्र में प्रतीकात्मक सड़क बंद का कार्यक्रम भी किया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version