टैक्सी हड़ताल का आंशिक असर
कोलकाता: सीटू समर्थित टैक्सी संगठन, बंगाल टैक्सी एसोसिएशन (बीटीए), कलकत्ता टैक्सी एसोसिएशन और टैक्सी ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से 12 सूत्री मांगों के समर्थन में बुलाये जाने वाले दो दिवसीय टैक्सी हड़ताल के पहले दिन असर लगभग आंशिक रहा. हड़ताल को लेकर टैक्सी संगठनों के बीच आपसी फूट के कारण ओला, उबेर जैसे प्राइवेट […]
हड़ताल को लेकर टैक्सी संगठनों के बीच आपसी फूट के कारण ओला, उबेर जैसे प्राइवेट टैक्सी एजेंसियों ने काफी फायदा उठाया. हड़ताल का समर्थन एटक समर्थित टैक्सी संगठनों की ओर से नहीं किया गया था. संगठन के समर्थक चालकों ने महानगर में टैक्सियां चलायी. हालांकि परिवहन विभाग की ओर से टैक्सी हड़ताल के मद्देनजर गुरुवार को अतिरिक्त सरकारी बसें चलायी गयी थीं.
अंतिम बार वर्ष 2012 में ही टैक्सी के किराये में बढ़ोतरी हुई थी. महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन टैक्सी किराये में बढ़ोतरी नहीं होने की वजह से चालकों की स्थिति समय के साथ बदतर होती जा रही है. कथित तौर पर टैक्सी चालकों की समस्याओं के समाधान के लिए विगत बुधवार को भी परिवहन सचिव से बातचीत हुई थी लेकिन सटिक आश्वासन नहीं मिलने की वजह से संगठन टैक्सी हड़ताल को मजबूर हुए. ध्यान रहे कि टैक्सी किराये में बढ़ोतरी, वेटिंग चार्ज में बढ़ोतरी, टैक्सी स्टैंड की व्यवस्था, चालकों पर होने वाले जुल्म को बंद करने समेत करीब 12 सूत्री मांगों को लेकर बुलाया गया टैक्सी हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रहेगा.