संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की खाद्य जनित बीमारियों के अनुमानित बोझ से संबंधित अब तक की पहली रिपोर्ट से खाद्य सुरक्षा को सार्वजनिक स्वास्थ्य की एक प्राथमिकता बनाने के लिए तत्काल उपाय करने की जरुरत का पता चलता है. डब्ल्यूएचओ की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि निम्न एवं मध्यम आय वाले घरों जहां स्वच्छता, खाना पकाने के लिए साफ पानी और उचित खाद्य उत्पादन एवं भंडारण दशाएं चुनौती बने हुए हैं, वहीं खाद्य जनित बीमारियोंं का खतरा सबसे ज्यादा है.
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में वैश्विक संक्रमणों के और टायफाइड बुखार या हेपिटाइटिस ए से मौत के आधे से ज्यादा मामले आते हैं. नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं, परजीवियों, विषैले तत्वों और रसायनों से दूषित भोजन खाद्य जनित बीमारियों के मुख्य कारण हैं. मिचली, उल्टी और डायरिया दूषित भोजन खाने से होने वाले तात्कालिक प्रभाव हैं और कैंसर, किडनी खराब होने और यकृत, मस्तिष्क एवं तंत्रिका संबंधी विकार इसका दीर्घकालीन प्रभाव हैं.