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कर्मयोगी के लिए कर्म सच्ची तपस्या है: दशानंदजी महाराज कोलकाता. स्वामी दशानंजी (प्रयाग) ने राम मंदिर में अपने प्रवचन में कहा कि कर्मयोगी के लिए कर्म सच्ची तपस्या है. छात्र जीवन में लगन से अध्ययन करने से विद्यार्थी प्रथम श्रेणी, उच्च अंक प्राप्त करता है. जीवन में लक्ष्य के लिए एकलव्य का जीवन आदर्श है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2015 10:15 PM

कर्मयोगी के लिए कर्म सच्ची तपस्या है: दशानंदजी महाराज कोलकाता. स्वामी दशानंजी (प्रयाग) ने राम मंदिर में अपने प्रवचन में कहा कि कर्मयोगी के लिए कर्म सच्ची तपस्या है. छात्र जीवन में लगन से अध्ययन करने से विद्यार्थी प्रथम श्रेणी, उच्च अंक प्राप्त करता है. जीवन में लक्ष्य के लिए एकलव्य का जीवन आदर्श है. मानव जीवन में राग-द्वेष, लोभ, क्रोध, अहंकार आदि भाव मिटा कर समाज एवं राष्ट्र के विकास, कल्याण के लिए रचनात्मक कार्य करना चाहिये. कर्म एक स्तम्भ है, जिस पर भारत का भार टिका है.

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