आइएसआइ के लिए जासूसी :सिलीगुड़ी में छानबीन
कश्मीर के राजौरी से स्कूल शिक्षक गिरफ्तार नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले से शनिवार को एक स्कूल शिक्षक को आइएसआइ के लिए जासूसी करने के कथित मामले में गिरफ्तार किया है. मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव ने बताया कि आरोपी की पहचान साबर […]
कश्मीर के राजौरी से स्कूल शिक्षक गिरफ्तार
नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले से शनिवार को एक स्कूल शिक्षक को आइएसआइ के लिए जासूसी करने के कथित मामले में गिरफ्तार किया है. मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव ने बताया कि आरोपी की पहचान साबर के रुप में हुई है जो राजौरी के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है. उसे शनिवार सुबह गिरफ्तार किया गया और सरकारी गोपनीयता कानून के प्रावधानों के तहत उस पर मामला दर्ज किया गया.
आइएसआइ के संदिग्ध संचालक कैफेतुल्ला खान के नेतृत्व वाले जासूसी गिरोह मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है. खान पहला व्यक्ति था जिसे 26 नवंबर को नयी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. उस वक्त वह धार्मिक समारोह में हिस्सा लेने और कथित रुप से ज्यादा जासूसों की भरती के लिए भोपाल रवाना हो रहा था. इसके बाद बीएसएफ के हेड कान्सटेबल अब्दुल रशीद और सेना के पूर्व हवलदार मुनव्वर अहमद मीर को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समझा जाता है कि साबर के माध्यम से खान ने रशीद, मीर और दूसरे सहयोगियों से मुलाकात की. इसमें सेना का एक सेवारत कर्मी भी शामिल है, जिसके लिए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में पुलिस की एक टीम भेजी गयी है.
मीर और खान दोनों को अपराध शाखा के अंतरराज्यीय प्रकोष्ठ की 14 सदस्यीय टीम ने गिरफ्तार किया जो बुधवार को राजौरी पहुंची थी. अधिकारी ने कहा कि उन्हें वहां की एक अदालत में पेश किया गया और ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जायेगा.
साबर को काफी नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया गया क्योंकि उसने गांव में राजौरी पुलिस के साथ पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम को चकमा देने का प्रयास किया और कुछ स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की कार्रवाई का प्रतिरोध किया. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा संदेह है कि साबर को किसी ने पहले ही छापेमारी के बारे में सूचना दे दी थी क्योंकि पुलिस की टीम जब पहुंची तो उसका घर बाहर से बंद पाया. अचानक साबर छत पर दिखा और पीछे की तरफ कूद गया.’
अधिकारी ने कहा कि उसका पैर जख्मी हो गया और गिर गया. तुरंत कुछ स्थानीय लोग इकट्ठा हुए और पुलिस की टीम को कथित तौर पर रोकने लगे.
अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को सुलझाने के लिए जम्मू-कश्मीर के अपने समकक्ष अधिकारियों को फोन किया. अधिकारी ने कहा कि पुलिस को साबर के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिला. बहरहाल उन्होंने दावा किया कि उसके खिलाफ काफी सबूत मिले हैं जिनमें खान का खुलासा और टेलीफोन पर हुई बातचीत भी शामिल है जिसे सीडी से हासिल किया गया.
कथित गिरोह को मिलने वाले धन की जांच कर रहे पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पुलिस को पता चला है कि खान ने साबर के बैंक खाते में दो बार पांच हजार रुपये जमा कराये. बहरहाल जांच के सिलसिले में इन ब्यौरे की पुष्टि की जानी है जिसमें पता चला है कि खान को पाकस्तिान से धन मिलता था जो सऊदी अरब और यूएइ के रास्ते उसे स्थानांतरित किया जाता था.
अधिकारी ने कहा कि समझा जाता है कि खान को स्थायी रुप से भुगतान मिलता था. समझा जाता है कि साबर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की तरह की स्थिति पैदा होने पर सीमा पर सैनिकों की आवाजाही के बारे में महत्वपूर्ण सूचना इकट्ठा करता था.
वह सिलीगुड़ी के नजदीक सूचना इकट्ठा करने का काम करता था जिसकी जांच अपराध शाखा की आठ सदस्यीय टीम कर रही है. पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि उसने कथित खुफिया संचालकों को सीमा पार सूचनाएं भेजीं. जांच से परिचित एक अधिकारी ने कहा, ‘बहरहाल मीर से पूछताछ के दौरान पता चला है कि कारगिल युद्ध के दौरान वह सेवारत था और वहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता के रुप में काम करता था.’
अधिकारी ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी पर भी क्षेत्र में हल्का विरोध हुआ और एक नेता के नेतृत्व में एक धड़े ने दावा किया कि मीर को मामले में फंसाया जा रहा है. सूत्र ने बताया कि पुलिस को मीर के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिले लेकिन दावा किया कि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य है जिसमें टेलीफोन पर हुई बातचीत और अन्य ब्यौरे हैं जिससे उसे गिरफ्तार किया जा सके. सूत्र ने कहा कि मीर और साबर से पूछताछ के बाद यहां पाकिस्तान उच्चायोग में आइएसआइ के कथित सूत्र के बारे में पता चल सकता है.
उच्चायोग में कथित आइएसआइ सूत्र खान को पाकिस्तान की यात्रा करने के लिए वीजा हासिल करने में सहयोग करने वाला था जहां जासूसों से मुलाकात करनी थी और ज्यादा संसाधन और प्रशिक्षण हासिल करना था. राजौरी गयी पुलिस की टीम वर्तमान में सेना के एक कर्मी को खोज रही है, जिसका नाम खान से पूछताछ के दौरान सामने आया था और समझा जाता है कि जासूसी गिरोह की वह एक बड़ी कड़ी है.
पुलिस ने बताया कि खान को दिल्ली में 26 नवंबर को गिरफ्तार किया गया. पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर राजौरी ले गयी, जहां उन्होंने अब्दुल रशीद को गिरफ्तार किया.