चुनाव के पहले शक्ति प्रदर्शन के मूड में भाकपा

-21 जनवरी को शहीद मीनार में जनसभा व महारैली -माकपा-कांग्रेस के बीच गंठबंधन की गुंजाइश नहीं : दीपंकर कोलकाता : अगले वर्ष राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनाव के पहले भाकपा (माले) शक्ति प्रदर्शन के मूड में है. यही वजह है कि केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ 21 जनवरी को महानगर के शहीद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 6:36 AM
-21 जनवरी को शहीद मीनार में जनसभा व महारैली
-माकपा-कांग्रेस के बीच गंठबंधन की गुंजाइश नहीं : दीपंकर
कोलकाता : अगले वर्ष राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनाव के पहले भाकपा (माले) शक्ति प्रदर्शन के मूड में है. यही वजह है कि केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ 21 जनवरी को महानगर के शहीद मीनार में जनसभा और महारैली का आह्वान किया गया है. इसकी जानकारी पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने दी.
वे बुधवार को पार्टी के राज्य कमेटी के कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि महारैली व जनसभा का नाम ‘जवाब दो’ रखा गया है. कथित तौर पर भाजपा देश में अच्छे दिन लाने का वायदा कर सत्ता में आयी. क्या अच्छे दिन आये? आरोप के मुताबिक भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद महंगाई, बेरोजगारी समेत अन्य समस्याएं बढ़ी हैं.
सांप्रदायिक ताकतें देश की एकता और सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश में लगी हुईं हैं. बंगाल का हाल भी कुछ ऐसा ही है. यहां परिवर्तन के नाम के तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आयी लेकिन राज्य का विकास जैसे थम सा गया है. उत्तर बंगाल में चाय बागानों के श्रमिकों की मौत भूख और बीमारी से हो रही है.
महिलाओं पर आपराधिक मामले बढ़े हैं. बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में माकपा और कांग्रेस के बीच गंठबंधन के आसार संबंधित प्रश्न पर भट्टाचार्य ने कहा कि यह तो दूसरी पार्टी का मसला है. उनकी निजी राय है कि माकपा-कांग्रेस के बीच गंठबंधन के कोई गुंजाइश नहीं है. यदि दोनों दलों के बीच गंठबंधन होता है तो यह फैसला माकपा के पक्ष में नहीं होगा.
कथित तौर पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने सर्वदलीय बैठक बुलायी है. बैठक में माले के एजेंडे के बारे में पूछने पर पार्टी के महासचिव ने कहा कि पहला मुद्दा यह है कि बंगाल में निष्पक्ष रूप से चुनाव कराये जाने की व्यवस्था जरूरी है. आरोप के अनुसार विगत निकाय चुनाव में धांधली किये जाने व हिंसा की घटनाएं सामने आयी थी. आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में ऐसी स्थिति नहीं हो, इसका ध्यान चुनाव आयोग को रखना होगा.

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