आग्रह : गंगा की स्वच्छता और निर्मलीकरण के लिए राष्ट्रपति ने कहा
जनवरी से गंगा की सफाई में आयेगी तेजी
कोलकाता : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गंगा नदी के संरक्षण पर जोर दिया है. रविवार को उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली कोई भी चीज नदी में नहीं फेंकी जाये. इसके साथ ही उन्होंने स्वच्छ गंगा पहल की सराहना की.
हावड़ा के सलकिया में गंगा नदी के किनारे स्थित बंशीधर जालान स्मृति मंदिर में भगवान शिव की 51 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद उन्होंने कहा कि उद्गम स्थल से लेकर बंगाल की खाड़ी में मुहाने तक गंगा नदी का व्यापक प्रभाव है. उन्होंने कहा, ‘ इस विशाल क्षेत्र में सभ्यता का विकास गंगा नदी के ईद-गिर्द केंद्रित था. यही वजह है कि मैं मानता हूं कि स्वच्छ गंगा पहल सर्वाधिक उपयुक्त उपायों में से एक है.’
उन्होंने मंदिर के ट्रस्टियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली कोई भी चीज नदी में नहीं फेंकी जाये. उन्होंने कहा कि वे नदी की सफाई को मंदिर तथा ट्रस्ट के मकसदों में से एक बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि सभी धर्म प्रेम, करुणा और मानवता का संदेश देते हैं.
नयी दिल्ली : मोदी सरकार की गंगा की अविरल एवं निर्मल धारा सुनिश्चित करने की पहल के तहत सरकार जनवरी से मार्च के बीच गंगा घाटों की मरम्मत, आधुनिकीकरण, घाटों से लगे नदी की सतहों की सफाई, तटों से लगे गांवों एवं आबादी द्वारा बहाये गये जलमल का शोधन करने और श्मशान घाटों की मरम्मत एवं बेहतर प्रबंधन जैसे कामों में तेजी लायेगी. जल संशोधन एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार नमामि गंगा कार्यक्रम के तहत जनवारी-मार्च 2016 के बीच ऐसे कार्यक्रमों को प्राथमिकता से आगे बढ़ायेगी, ताकि तत्काल जमीनी स्तर पर इस दिशा में लोगों को कार्य होता दिखे. मंत्रालय इस दिशा में लगातार काम कर रहा है. उन्होंने कहा िक इस दिशा में हमारा जोर ग्रामीण क्षेत्रों से नदी में प्रदूषण एवं गंदगी फैलानेवाले तत्वों पर लगाम लगाना है.
आधारभूत संरचना होंगी स्थापित
सरकार गंगा नदी के किनारे स्थित 118 शहरों एवं जिलों में जलमल शोधन संयंत्र एवं संबंधित आधारभूत संरचना स्थापित करना चाहती है. इस मकसद से पहले वर्तमाल आधारभूत संरचना का अध्ययन किया जाना है. इसके बाद सार्वजनिक निजी साझेदारी के आधार पर परियोजना को आगे बढ़ाया जायेगा. मंत्रालय इस दिशा में इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड, नेशनल बिल्डिंग कंसोर्टियम कॉरपोरेशन, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन काॅरपोरेशन लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड आदि को जोड़ेगी.
संसद में चर्चा हो, न कि बाधा उत्पन्न की जाये : राष्ट्रपति
कोलकाता : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि संसद चर्चा, असहमति और निर्णय से चलनी चाहिए, न कि बाधा उत्पन्न की जानी चाहिए. प्रणब ने यहां कलकत्ता विश्वविद्यालय शताब्दी हॉल में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की याद में अपने संबोधन में कहा, ‘तीन डी हैं जिनसे संसद चलती है. ये हैं-डेबेट (चर्चा), डिसेंट (असहमति) और डिसीजन (निर्णय).’
उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी भी चौथा डी नहीं सुना, जो डिसरप्शन (बाधा) है. हंगामा कर संसदीय कार्यवाही में बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए, ऐसा करने के लिए कई अन्य स्थान हैं.’ कुछ समय से विभिन्न मुद्दों पर संसदीय कार्यवाही में उत्पन्न की जा रही बाधा के मद्देनजर उनकी टिप्पणियां बेहद महत्वपूर्ण हैं.
भारत और जापान के बीच कल असैन्य परमाणु सहयोग समझौता होने पर राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं अत्यंत प्रसन्न हूं.’ उन्होंने कहा, ‘पहले हमने अमेरिका, रूस और अन्य देशों के साथ असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर दस्तखत किये. मैंने 2008 में (विदेश मंत्री के रुप में उनके कार्यकाल के दौरान) प्रक्रिया शुरु की थी.’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए परमाणु उर्जा अपनाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि डीजल या कोयला आधारित बिजली संयंत्र प्रदूषकों का उत्सर्जन करते हैं.’
देश में परमाणु उर्जा शुरु करने में नेहरु के योगदान और दूरदृष्टि को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने 1948 में परमाणु उर्जा आयोग की स्थापना का काम होमी भाभा को सौंपा था.