अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए : राष्ट्रपति
कोलकाता : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अल्पसंख्यकों के ‘‘अधिकारों और भावनाओं” का ‘‘पूरी तरह” सम्मान किया जाना चाहिए ताकि सुनिश्चित हो सके कि हर समुदाय ‘‘राष्ट्रीय धारा” का हिस्सा है. राष्ट्रपति की यह टिप्पणी धार्मिक असहिष्णुता पर चल रहे गतिरोध के बीच आई है. मुखर्जी ने कहा कि सरकार को हर नागरिक […]
कोलकाता : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अल्पसंख्यकों के ‘‘अधिकारों और भावनाओं” का ‘‘पूरी तरह” सम्मान किया जाना चाहिए ताकि सुनिश्चित हो सके कि हर समुदाय ‘‘राष्ट्रीय धारा” का हिस्सा है. राष्ट्रपति की यह टिप्पणी धार्मिक असहिष्णुता पर चल रहे गतिरोध के बीच आई है. मुखर्जी ने कहा कि सरकार को हर नागरिक के साथ समान बर्ताव के लिए काम करना चाहिए और लोगों से जातीयता और सांप्रदायिकता से उपर उठने को कहा.
एशियाटिक सोसायटी में इंदिरा गांधी स्मारक व्याख्यान में उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने सभी नागरिकों को व्यापक मानवीयता के व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्हें जातीयता और सांप्रदायिकता से उपर उठने के लिए शिक्षित करना चाहिए. हमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों और भावनाओं का सम्मान करना सीखना चाहिए, बिल्कुल अक्षरश:.” राष्ट्रपति ने कहा कि जीवन के स्तर को उठाना चाहिये और बिजली, धन, आय, उपभोग और शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सामाजिक सेवाओं के उपयोग में असमानता को कम करना चाहिए.
मुखर्जी ने कहा, ‘‘सरकार को क्षेत्रीय असमानता को दूर करने के लिए बेहतर प्रयास करना चाहिए और उचित, न्यायपूर्ण और अच्छा प्रशासन मुहैया कराना चाहिए जिसमें हर नागरिक के लिए समान व्यवहार हो चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, रंग, लिंग का हो या किसी भी स्थान का रहने वाला हो.” राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कभी…कभी ऐसा होता है कि क्षेत्रीय हित हमारे राष्ट्रीय हित पर हावी हो जाते हैं और हर किसी को इस तरह की प्रवृतियों से सावधान रहना चाहिए.” उन्होंने कहा, ‘‘हमें धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक रुररेखा बनानी चाहिए और जीवन जीने के तरीके को इस तरह से विकसित करना चाहिए जो नागरिक कर्तव्यों और अधिकारों के साथ ही जवाबदेही में हस्तक्षेप नहीं करे .”