जेल में था टैक्सी चालक

लापता ड्राइवर का मामला. सफल रही प्रभात खबर की मुिहम कोलकाता : 21 नवंबर से लापता टैक्सी चालक कुशेश्वर पांडेय मंगलवार को घर वापस आ गये. लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते इस दौरान साउथ पोर्ट थाने के कार्ल मार्क्स सरणी निवासी टैक्सी ड्राइवर के परिवार को भारी परेशानी और पीड़ा झेलनी पड़ी. ‘प्रभात खबर’ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 7:24 AM
लापता ड्राइवर का मामला. सफल रही प्रभात खबर की मुिहम
कोलकाता : 21 नवंबर से लापता टैक्सी चालक कुशेश्वर पांडेय मंगलवार को घर वापस आ गये. लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते इस दौरान साउथ पोर्ट थाने के कार्ल मार्क्स सरणी निवासी टैक्सी ड्राइवर के परिवार को भारी परेशानी और पीड़ा झेलनी पड़ी. ‘प्रभात खबर’ ने कुुशेश्वर पांडेय के गायब होने के मामले को शिद्दत से उठाया. आखिरकार प्रयास रंग लाया और मंगलवार को सफलता मिली. दरअसल, 21 नवंबर को एयरपोर्ट इलाके में पार्किंग को लेकर कुशेश्वर का एक पुलिस कांस्टेबल से विवाद हो गया.
बागुईहाटी थाने की पुलिस ने टैक्सी चालक को गिरफ्तार कर लिया. अदालत में पेशी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. लेकिन पुलिस ने कुशेश्वर की गिरफ्तारी की सूचना परिवारवालों को नहीं दी. जबकि नियमों के मुताबिक उसे ऐसा करना चाहिए था. परिजनों ने 22 नवंबर को ही साउथ पोर्ट थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी.
रविवार को टैक्सी संगठन की ओर से थाने के सामने प्रदर्शन भी किया गया था. न्यायिक हिरासत से छूटने के कुशेश्वर मंगलवार को घर पहुंचे.
यह है मामला: साउथ पोर्ट इलाके के कार्ल मार्क्स सरणी के रहने वाला टैक्सी ड्राइवर कुशेश्वर पांडेय 21 नवंबर को टैक्सी लेकर निकलते हैं. रात में घर नहीं लौटने पर परिवारवालों ने साउथ पोर्ट थाने में 22 नवंबर को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. उनकी पत्नी गीता देवी और पुत्र शनि पांडेय कुशेश्वर की खोज में भटकता रहे. शनि ‘प्रभात खबर कार्यालय’ पहुंचा और खबर प्रकाशित करने का आग्रह किया.
प्रभात खबर के 25 नवंबर के अंक में समाचार प्रकाशित हुई. परिवार के सदस्य तरह-तरह की आशंका में भटकते रहे और परेशान होते रहे. साउथ पोर्ट थाना पुलिस को अचानक मंगलवार दोपहर कुशेश्वर के मिलने की खबर मिली. तत्काल उसे थाना लाया गया. पुलिस के मुताबिक, टैक्सी चालक ने बताया कि 21 नवंबर को एयरपोर्ट इलाके में पार्किंग को लेकर उसका किसी कांस्टेबल से विवाद हो गया. वहां से फरार होने के बाद उसे कैखाली के पास पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने उसे बागुईहाटी थाने के हवाले कर दिया. थाने में एक दिन रहने के बाद अगले दिन उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे दमदम सेंट्रल जेल भेज दिया गया.
जेल में इतने दिन रहने के बाद 15 दिसंबर को वह घर लौटा, तो साउथ पोर्ट थाने की पुलिस उससे पूछताछ के लिए थाने ले आयी. इस बीच, उसकी टैक्सी बागुईहाटी थाने के पीछे ही अन्य गाड़ियों के साथ पड़ी रही. मामला प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद पुलिस हरकत में आयी और टैक्सी चालक की तलाश की जा रही थी. इस बीच, एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के नेता नवल किशोर श्रीवास्तव द्वारा भी पुलिस पर लापता चालक को ढूंढने के लिए दवाब बनाया जा रहा था. इस दवाब के बाद साउथ पोर्ट थाने की पुलिस ने कोलकाता सहित राज्य के सभी थानों को लापता टैक्सी चालक की तसवीर व विवरण को भेजा.
कहां हुई लापरवाही: साउथ पोर्ट थाने के पुलिस अधिकारी बताते हैं कि किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद इसकी सूचना उसके परिवार वालों को थाने की तरफ से देना अनिवार्य होता है. इसके अलावा लापता लोगों के विवरण पर लगातार निगरानी रखना भी पुलिस की जिम्मेदारी होती है.
इस मामले में दोनों ही जगह लापरवाही बरती गयी. बागुईहाटी थाने की पुलिस ने कुशेश्वर पांडेय के परिवार को उसकी गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी. उसकी गुमशुदगी के ब्योरे को भी गंभीरता से नहीं लिया गया. कुशेश्वर के मिलने के बाद जांच में साउथ पोर्ट थाने की पुलिस को पता चला है कि बागुईहाटी थाने के जांच अधिकारी ने थाना प्रभारी को अंधेरे में रखा. कुशेश्वर के दूसरे दिन ही थाने से रिहा हो जाने की जानकारी उन्हें दी और उन्हें यह भी बताया कि वह टैक्सी के साथ घर लौट चुका है, जबकि हकीकत यह थी कि कुशेश्वर को रिहा नहीं किया गया था, बल्कि उसे दमदम जेल भेजा गया था.
आइओ के खिलाफ विभागीय जांच शुरू: पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद विधाननगर कमीशनरेट की एडीसीपी (ट्रैफिक-एयरपोर्ट जोन) शिवानी तिवारी ने बताया कि किसी भी थाने में गिरफ्तार अारोपी के परिवार वालों को सूचित करना मामले के आइओ (जांच अधिकारी) की जिम्मेदारी होती है. ऐसा प्रतीत होता है कि यहां कुछ चूक हुई है. लिहाजा आइओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर रहे हैं और यदि लापरवाही सामने आयी, तो सख्त कार्रवाई की जायेगी.

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