1971 के योद्धाओं को याद किया गया, विजय दिवस पर शहीदों को दी गयी श्रद्धांजलि
कोलकाता. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली जीत की याद में भारतीय सेना प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाती है. 16 दिसंबर 1971 के ही दिन पाकिस्तान फौज के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के नेतृत्व में 90 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. उस शानदार […]
कोलकाता. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली जीत की याद में भारतीय सेना प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाती है. 16 दिसंबर 1971 के ही दिन पाकिस्तान फौज के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के नेतृत्व में 90 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. उस शानदार जीत की याद में भारतीय सेना के विभन्न कमान में 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है.
इस वर्ष 44वें विजय दिवस के अवसर पर शहीद भारतीय सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. बुधवार सवेरे सेना के पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम में स्थित विजय स्मारक पर पूर्वी कमान के जीआेसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल परवीन बक्शी ने शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर बांग्लादेशी मुक्ति योद्धाआें, भारतीय सेना के पूर्व व वर्तमान अधिकारियों ने भी कंधे से कंधा मिला कर बांग्लादेश गठन की जंग के नायकों को श्रद्धांजलि दी. बांग्लादेशी सेना के छह अफसरों एवं बांग्लादेश के खाद्य मंत्री कमरुल इसलाम भी 1971 की जंग के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने देश से यहां आये थे.
विजय दिवस समारोह में शहीदों के परिजन भी बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिनमें 1971 के युद्ध के हीरो शहीद लांस नायक एल्बर्ट एक्का की विधवा बालमदिने एक्का भी थीं. शहीद एल्बर्ट एक्का को उनकी बहादूरी के लिए उन्हें मरणोपरांत परम वीर चक्र से नवाजा गया था. सेना की आेर से बालमदिने एक्का का भव्य स्वागत किया गया.