चाय श्रमिकों की मौत पर हाइकोर्ट ने जतायी चिंता, सरकार से मांगी रिपोर्ट

कोलकाता उत्तर बंगाल के चाय बागानों में श्रमिकों की मौत पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने िचंता जताते हुए इस संबंध में राज्य सरकार से हलफनामा और रिपोर्ट तलब किया है. दार्जिलिंग जिला लीगल एड फोरम के सचिव अमित सरकार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2015 1:25 AM
कोलकाता उत्तर बंगाल के चाय बागानों में श्रमिकों की मौत पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने िचंता जताते हुए इस संबंध में राज्य सरकार से हलफनामा और रिपोर्ट तलब किया है. दार्जिलिंग जिला लीगल एड फोरम के सचिव अमित सरकार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने यह रिपोर्ट मांगी है.
गले वर्ष 11 जनवरी को यह रिपोर्ट व हलफनामा राज्य सरकार को अदालत में जमा करनी होगी. 15 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी. सुनवाई में आवेदनकारी के वकील ने कहा कि चाय बागानों में श्रमिकों को खाना, पानी व बिजली तक उपलब्ध नहीं है. जरूरी मूलभूत सुविधाएं भी उन्हें नहीं मिल रही हैं, इसलिए श्रमिकों की वहां लगातार मौत हो रही है.

एडवोकेट जनरल जयंत मित्रा ने कहा कि कई श्रमिकों की मौत सिरोसिस ऑफ लीवर की वजह से हुई है, क्योंकि वे काफी शराब पीते थे. इस पर हाइकोर्ट ने टिप्पणी की कि जले पर नमक न छिड़का जाये. अदालत का यह भी कहना था कि चाय बागानों को प्लानटेशन लेबर एक्ट के तहत श्रमिकों को सुविधाएं देनी होती है. यह कोई औद्योगिक विवाद नहीं है. अदालत चाय बागानों के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए है. यदि श्रमिकों के लिए कोई विशेष कानून नहीं है, तो सामान्य कानून उनकी हिफाजत करेगा. राज्य सरकार को इसके बाद रिपोर्ट व हलफनामा देने के लिए कहा गया.

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