तत्काल टिकट के शुल्क में वृद्धि के फैसले का विरोध
कोलकाता. एसयूसीआइ ने कथित तौर पर रेलवे के तत्काल टिकट के शुल्क में वृद्धि के फैसले का विरोध किया है. पार्टी द्वारा जारी विज्ञप्ति में एसयूसीआइ के महासचिव प्रभाष घोष ने इस फैसले को जनविरोधी करार देते हुए भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीति पर कटाक्ष किया है. श्री घोष ने कहा कि भाजपा सरकार […]
कोलकाता. एसयूसीआइ ने कथित तौर पर रेलवे के तत्काल टिकट के शुल्क में वृद्धि के फैसले का विरोध किया है. पार्टी द्वारा जारी विज्ञप्ति में एसयूसीआइ के महासचिव प्रभाष घोष ने इस फैसले को जनविरोधी करार देते हुए भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीति पर कटाक्ष किया है. श्री घोष ने कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही रेलवे यात्री किराये में करीब 14.2 प्रतिशत वृद्धि कर दी गयी. अब तत्काल टिकट के शुल्क में बढ़ोतरी से यात्रियों पर और ज्यादा दबाव बढ़ेगा.
विज्ञप्ति में कहा गया कि रेलवे की अधिसूचना के अनुसार तत्काल कोटा के तहत शयनयान श्रेणी में टिकट आरक्षित करानेवाले यात्रियों से अधिकतम 175 रुपये के बजाये 200 रुपये, एसी-थ्री में न्यूनतम 250 रुपये की जगह 300 रुपये और अधिकतम 350 रुपये की जगह 400 रुपये लिये जायेंगे. शयनयान श्रेणी का न्यूनतम तत्काल शुल्क 100 रुपये कर दिया गया है, जो 90 रुपये था. न्यूनतम और अधिकतम शुल्क यात्रा की दूरी पर निर्भर करता है.
एसी-टू के यात्रियों को अब न्यूनतम 300 रुपये के स्थान पर 400 रुपये देना होगा, वहीं अधिकतम 400 रुपये की जगह पर 500 रुपये खर्च करना होगा. एसयूसीआइ की ओर से इस फैसले को वापस लेने की मांग की गयी है. साथ ही इस फैसले के खिलाफ व्यापक रूप से आंदोलन करने का आह्वान भी किया गया है.