सुर्खियों में रहे राज्य के शिक्षण संस्थान

अलविदा 2015 कोलकाता. गुजरता वर्ष 2015 में राज्य के शिक्षण संस्थान सकारात्मक कारणों से नहीं, वरन तोड़फोड़, हंगामा और विरोध प्रदर्शन के लिए सुर्खियों में रहे. यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों के आंदोलन ‘होक कलरव’ का असर दिखा. तत्कालीन कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती को अपने पद से हटने के लिए बाध्य होना पड़ा. वहीं प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2015 1:42 AM
अलविदा 2015
कोलकाता. गुजरता वर्ष 2015 में राज्य के शिक्षण संस्थान सकारात्मक कारणों से नहीं, वरन तोड़फोड़, हंगामा और विरोध प्रदर्शन के लिए सुर्खियों में रहे. यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों के आंदोलन ‘होक कलरव’ का असर दिखा. तत्कालीन कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती को अपने पद से हटने के लिए बाध्य होना पड़ा. वहीं प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छात्रों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. उधर, शिक्षण संस्थानों में हिंसा के मद्देजनर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने आचार संहिता बनाये रखने की सिफारिश कर डाली.
2015 की शुरुआत छात्र चुनाव के नामांकन के लिए विभिन्न कॉलेजों में हिसक वारदात के साथ हुई. दो जनवरी को बीरभूम, बांकुड़ा, बर्दवान के कॉलेजों में तृणमूल छात्र परिषद के छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समर्थकों पर हमला बोला और नामांकन पत्र दाखिल करने में बाधा दी. जनवरी के पहले ही सप्ताह में कलकत्ता विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी हरिसाधन घोष पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा. उन्हें उनके पद से हटा दिया गया, लेकिन माकपा समर्थित शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध किया. विरोध प्रदर्शन को लेकर तृणमूल छात्र परिषद समर्थित छात्रों के साथ उनकी भिड़ंत हुई और यह खबर कई दिनों तक सुर्खियों में रही.

जनवरी के पहले व दूसरे सप्ताह में ही विगत चार माह से यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों का चल रहा आंदोलन ‘होक कलरव’ ने जोर पकड़ा. यह विरोध प्रदर्शन 28 अगस्त, 2014 को स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ छेड़खानी के मामले को लेकर शुरू हुआ था. विरोध की उग्रता को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हस्तक्षेप करना पड़ा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यादवपुर में खुद ही कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती के इस्तीफे की घोषणा कर दी. इससे शिक्षण संस्थानों में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के आरोप भी लगे. जनवरी में ही तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की और पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया. जनवरी में ही आइएसआइएस ने उत्तर बंग कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट को हैक कर लिया था. मई माह में मानवी बंद्योपाध्याय कृष्णनगर गवर्नमेंट कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं. मानवी देश की पहली किन्नर हैं, जो किसी कॉलेज में प्राचार्य के पद तक पहुंच सकी थीं.

इसके साथ ही यादवपुर विश्वविद्यालय में पहली बार दाखिले के फार्म में किन्नर कॉलम को शामिल किया गया. अप्रैल में यादवपुर विश्वविद्यालय की वेबसाइट हैक करने का मामला सामने आया. विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अश्वलील तसवीर डाल दी गयी थी. विश्वविद्यालय को जानकारी मिलने पर इसे तत्काल हटा दिया गया व जांच का आदेश दिया गया था.

जून में परीक्षा के बिना 65 फीसदी अंक देकर उतीर्ण करने की मांग पर आलिया विश्वविद्यालय में स्नातक के विद्यार्थियों ने तोड़फोड़ की. कुलपति के इनकार करने पर कुलपति के कक्ष, कंप्यूटर रूम तथा सेमिनार रूम को तोड़ डाला. अगस्त में पश्चिम मेदिनीपुर के सबंग कॉलेज के छात्र कृष्ण प्रसाद जाना की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी.

अगस्त में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रेसिडेंसी के कार्यक्रम में पहुंचीं, जहां उन्हें विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. छात्रों ने कुलपति का घेराव किया. इसी दौरान कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास को यादवपुर विश्वविद्यालय का कुलपति बना दिया गया और सुरजित मारजीत को कलकत्ता विश्वविद्यालय का अस्थायी कुलपति नियुक्त किया गया. बाद में छह माह के बाद उनकी अवधि और बढ़ा दी गयी. इस बीच, 11 अक्तूबर को प्राइमरी टेट परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया. इससे परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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