प्रभु कृपा से ही संभव होता कथा का रसपान
कोलकाता : प्रभु कृपा से ही संभव हो पाती है उनकी निकटता, यह निकटता भक्ति प्राप्ति के माध्यम से प्राप्त होती है. जिसे प्रभु की भक्ति मिल गयी वह तो तर गया. ठाकुरजी उसके साथ पग-पग पर खड़े रहते हैं. ये बातें बागुईहाटी स्थित बेदाम बैंक्वेट में श्री हनुमान मंदिर (चार चौक) के तत्वावधान में […]
कोलकाता : प्रभु कृपा से ही संभव हो पाती है उनकी निकटता, यह निकटता भक्ति प्राप्ति के माध्यम से प्राप्त होती है. जिसे प्रभु की भक्ति मिल गयी वह तो तर गया. ठाकुरजी उसके साथ पग-पग पर खड़े रहते हैं. ये बातें बागुईहाटी स्थित बेदाम बैंक्वेट में श्री हनुमान मंदिर (चार चौक) के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय भक्ति प्रधान कथा नानी बाई रो मायरो आयोजन में कथा व्यास श्रीकृष्ण चरण अनुरागी श्री श्रीनिवास श्रीजी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहीं. श्रीजी ने कहा कि भगवान भक्तों अपने शरणागत भक्तों का विशेष ध्यान रखते हैं. वे भक्तों का मान नहीं जाने देते. भक्त का मान रखने वे दौड़े चले आते हैं.
नानी बाई रो मायरो कथा प्रभु के साथ भक्त के अटूट रिश्ते की कहानी है. श्रीजी ने कहा कि दान की भारी महिमा है, जो साधन संपन्न हो अौर दूसरों की भलाई में अपने धन को लगाये तो उस महान कार्य को हम दान कहते हैं और जो पर्याप्त धन होने के बावजूद परमार्थ के कार्य में उसे खर्च न करें, कंजूसी करें, उसे नादान कहते हैं, अर्थात जिसने दान न किया हो. संत और संत्सग का अवसर बड़े भाग्य से मिलता है.
आयोजन परिवार की ओर से बालकृष्ण चूड़ीवाल (पप्पू भाई) ने बताया कि समापन दिवस पर कथा दोपहर 3 बजे से 7 बजे के बीच आयोजित होगी. सभी भक्तजन सक्रियता के साथ आयोजन की सफलता में जुटे हैं.