CPM ने तृणमूल हटाओ, बंगाल बचाओ का नारा दिया

कोलकाता : माकपा ने रविवार को बिग्रेड सभा से राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया. पार्टी के पांच दिवसीय पूर्ण अधिवेशन की शुरुआत के अवसर पर आयोजित सभा में माकपा ने केंद्र की भाजपा व राज्य की तृणमूल सरकार को हटाये का आह्वान किया. रैली में बड़ी संख्या में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2015 8:52 PM

कोलकाता : माकपा ने रविवार को बिग्रेड सभा से राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया. पार्टी के पांच दिवसीय पूर्ण अधिवेशन की शुरुआत के अवसर पर आयोजित सभा में माकपा ने केंद्र की भाजपा व राज्य की तृणमूल सरकार को हटाये का आह्वान किया. रैली में बड़ी संख्या में पार्टी समर्थकों ने हिस्सा लिया. लगभग 11 स्थानों ने निकाले गये जुलूस बाद में ब्रिगेड सभा में शामिल हो गये.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सभा को संबोधित करते हुए राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा कि वामपंथ सिर्फ पश्चिम बंगाल नहीं, बल्कि पूरे देश का एकमात्र विकल्प है. केंद्र व राज्य में बदलाव बहुत जरूरी है, क्योंकि दोनों सरकारों की नीति जनविरोधी है. जो माकपा को कमजोर समझते हैं, वे गलत समझते हैं. ऐसी गलती पहले भी लोगों ने की है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने राज्य व केंद्र में सत्ता परिवर्तन का नारा देते हुए कहा, ‘तृणमूल हटाओ बंगाल बचाओ’.

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भाजपा हटाओ देश बचाओ. माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने तृणमूल कांग्रेस की औद्योगिक नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि वामपंथी ही सिंगूर में कारखाना लगा सकते हैं. तृणमूल सरकार ने कुछ भी नहीं किया है. न ही किसानों को जमीन वापस मिली और न ही कारखाना ही लगा है. बड़े उद्योग राज्य में नहीं आ रहे हैं. इसके लिए तृणमूल की नीतियां जिम्मेदार है.

उन्होंने कहा कि वाममोरचा सत्ता में आया, तो नयाचर (पूर्व मेदिनीपुर) में भी उद्योग लगेगा. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने केंद्र पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा: जैसी स्थिति देश की है, वैसी ही स्थिति राज्य की है. रोजगार, असहिष्णुता, किसानों के आत्महत्या करने के मामले में केंद्र व राज्य कुछ नहीं कर रहे हैं. भाजपा व कांग्रेस की नीति एक है. इस समय वामपंथी ताकतों को मजबूत करने की जरूरत है. इस अवसर पर माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात, माकपा सांसद मोहम्मद सलीम, वृंदा करात आदि ने भी वक्तव्य रखे.

* संघर्षों के आधार पर बदलाव जरूरी

ब्रिगेड सभा को संबोधित करते हुए माकपा के महासचिव ने कहा कि बंगाल सहित पूरे देश में संघर्षों के आधार पर बदलाव जरूरी है. ब्रिगेड सभा में उमड़े जन सैलाब से माकपा अपनी ताकत का प्रदर्शन करना नहीं चाहती, लेकिन उन लोगों को जरूर ध्यान देना चाहिए जो माकपा को कमजोर समझने की भूल करते हैं. बंगाल और देश को बेहतर बनाने के लिए माकपा ने संघर्षों की चुनौती स्वीकार की है, जो जन समर्थन से ही सफल हो सकता है. आरोप के मुताबिक भाजपानीत केंद्र सरकार और तृणमूलनीत राज्य सरकार की नीति जन विरोधी है. किसानों और श्रमिक वर्ग का संकट बढ़ा है. महंगाई लगातार बढ़ रही है.

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सांप्रदायिकता की भावना को हवा दी जा रही है. बंगाल में लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. परिवर्तन जरूरी है. परिवर्तन केवल वामपंथियों के आंदोलन से ही संभव नहीं है, बल्कि इस आंदोलन में सभी लोगों के शामिल होने की जरूरत है. येचुरी ने कहा कि केवल बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश को बेहतर बनाने की जरूरत है. इसलिए वामपंथी शक्तियों को मजबूत करना अहम है.

* भारत-पाक संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान सरप्राइज विजिट का जिक्र करते हुए श्री येचुरी ने कहा कि माकपा शुरू से ही भारत-पाक के संबंधों को मजबूत बनाने के पक्ष में है. कथित तौर पर भाजपा के सत्ता में आने के बाद सचिव स्तरीय वार्ता बाधित रही, क्योंकि यह कहा गया कि केवल आतंकवाद पर चर्चा की जाये और दूसरा कोई मुद्दा नहीं. लेकिन अब बातचीत पर सहमति जतायी गयी है. प्रधानमंत्री के पाकिस्तान औचक दौरे में केवल दो नेताओं के बीच बातचीत हुई. बातचीत दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए होना अहम है. भारत और पाकिस्तान के रिश्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ‘वीआइपी कूटनीति’ से आगे बढ़नी चाहिए. इसे दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क तक जाना चाहिए.

* सिंगुर में वामो सरकार कारखाना स्थापित कर सकती है : सूर्यकांत

सिंगुर में वाममोरचा सरकार ही कारखाना लगा सकती है. इतना ही नहीं नयाचर, रघुनाथपुर व शालबनी में भी कारखाना स्थापना के साथ वहां औद्योगिक विकास वामपंथी सरकार कर सकती है. रविवार को ब्रिगेड सभा के दौरान सिंगुर का मसला उठाते हुए यह बात राज्य में माकपा के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कही. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार के औद्योगिक नीतियों पर भी कटाक्ष किया.

कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि सत्ता में आते ही सिंगुर के अनिच्छुक किसानों की जमीन वापस दे दी जायेगी, जिसका अधिग्रहण नैनो कार परियोजना के लिए किया गया था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. लोगों को जमीन भी वापस नहीं मिली और कारखाना भी स्थापित नहीं हुआ. मिश्रा ने दावा किया कि वामपंथी सत्ता ही सिंगुर में कारखाने की स्थापना के साथ लोगों को रोजगार दिला सकती है. आरोप के अनुसार तृणमूल सरकार की नीति औद्योगिक विकास विरोधी है.

यही वजह है कि तृणमूल के सत्ता में रहने के दौरान राज्य में नये कल-कारखानों की स्थापना नहीं हो पायी. जो कारखाने व जूट मिलें खुले थे, वे भी बंद हो रहे हैं. ब्रिगेड सभा के माध्यम से माकपा नेता ने राज्य में औद्योगिक विकास, रोजगार की व्यवस्था का आश्वासन देकर वामपंथी संगठनों को दुरुस्त करने की कोशिश की है. साथ ही वामपंथी कार्यकर्ताओं को हर स्तर के लोगों के संपर्क साधने व उन्हें पार्टी से जोड़ने का निर्देश दिया है.

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अगले वर्ष होने वाले प्रस्तावित विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए माकपा नेता ने अगले महीने से सत्तारूढ़ दल के खिलाफ व्यापक आंदोलन करने का आह्वान किया है. इसके तहत आगामी 12 जनवरी को सारधा चिटफंड के खिलाफ वामपंथी सीजीओ कांप्लेक्स स्थित सीबीआइ कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही 28 जनवरी को प्रत्येक जिलों के प्रशासनिक कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.

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