गाय के बारे में बता रहा ‘काउफी’

पहल: फेसबुक पर गोसेवा परिवार के नाम से बने पेज पर वायरल हुईं तसवीरें कोलकाता : गाय के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कोलकाता के गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) गोसेवा परिवार ने यहां ‘गाय के साथ सेल्फी’ प्रतियोगिता आयोजित की. एनजीओ का मानना है कि यह अनूठा कदम गोहत्या पर अंकुश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2016 5:56 AM
पहल: फेसबुक पर गोसेवा परिवार के नाम से बने पेज पर वायरल हुईं तसवीरें
कोलकाता : गाय के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कोलकाता के गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) गोसेवा परिवार ने यहां ‘गाय के साथ सेल्फी’ प्रतियोगिता आयोजित की. एनजीओ का मानना है कि यह अनूठा कदम गोहत्या पर अंकुश लगाने में मददगार साबित हो सकता है. इस ‘काउफी’ प्रतियोगिता को नवंबर में शुरू किया और एक महीने तक चले ऑनलाइन अभियान के दौरान लोगों से गाय के साथ सेल्फी खींचकर पोस्ट करने के लिए कहा गया था.
फेसबुक पर ‘गोसेवा परिवार’ के नाम से बने पेज पर लोगों द्वारा गाय की ‘किसिंग’ से लेकर इसके पैर छूने और आलिंगन करने की तसवीरें वाइरल हुई हैं. फेसबुक पर ‘सेव काउ, सेव मैनकाइंड’ एवं ‘गौमाता सबकी माता’ शीर्षक के साथ तसवीरें दिखायी दे रही हैं. एक प्रतियोगी द्वारा गाय के साथ सेल्फी खींचकर भेजे गये एक पोस्ट में कहा गया है, यदि आप अपनी मां, परिवार के सदस्यों के साथ सेल्फी ले सकते हो, तो तुम गाय के साथ सेल्फी क्यों नहीं ले सकते.
गाय का वैज्ञानिक महत्व, जरूरत भी
एनजीओ के एक अधिकारी ने बताया कि गाय का संरक्षण धार्मिक या राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि इसके वैज्ञानिक उपयोग हैं. गाय के हरेक उत्पाद का चाहे वह गोमूत्र हो या दूध, इनका वैज्ञानिक महत्व होने के साथ-साथ इनकी जरूरत भी है.
इससे पहले एनजीओ ने गोहत्या के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए मुफ्त में गाय का दूध वितरित करने का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था. गोहत्या एवं ‘बीफ’ के उपभोग के दो मुद्दों पर देश में चल रहे राजनीतिक घमसान के बीच ‘काउफी’ प्रतियोगिता ने प्रासंगिकता हासिल की है.
हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और इसे ‘गौमाता’ कहा जाता है. ज्ञात हो कि भाजपा शासित राज्य जैसे महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान ने गोवध के लिए कड़े कानून बनाये हैं. हालांकि, पश्चिम बंगाल में न तो गोहत्या पर प्रतिबंध है और न ही ‘बीफ’ खाने पर.

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