गंगा सागर मेला : पवित्र डुबकी के लिए घाट तैयार

15 जनवरी, सुबह 7.19 से लेकर दोपहर 12.20 तक इस वर्ष गंगा सागर मेला 14 और 15 जनवरी को आयोजित होगा. इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार बड़े पैमाने पर तैयारियाें को अंतिम रूप देने में जुटी है. इस मेले में देशभर से करीब 14 से 15 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद हैं. मेले का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2016 6:25 AM
15 जनवरी, सुबह 7.19 से लेकर दोपहर 12.20 तक
इस वर्ष गंगा सागर मेला 14 और 15 जनवरी को आयोजित होगा. इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार बड़े पैमाने पर तैयारियाें को अंतिम रूप देने में जुटी है. इस मेले में देशभर से करीब 14 से 15 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद हैं.
मेले का पवित्र स्नान 15 जनवरी की सुबह 7:19 बजे से लेकर दोपहर 12:20 मिनट तक होगा. ऐसी मान्यता है कि मोक्षदायिनी, पतित पावनी गंगा जिस जगह बंगाल की खाड़ी में समा जाती हैं. जिस जगह और जिस दिन (मकर संक्रांति) मां गंगा ने भगीरथ के पूर्वज सगर राजा और उनके पुत्रों को मोक्ष प्रदान किया, उस सागर द्वीप में डुबकी लगाने मात्र से समस्त पाप धुल जाते हैं.
सदियों से यहां मकर संक्रांति के दिन मेला लगता है. पूर्वी भारत में अपनी तरह के अनोखे और सबसे बड़े मेले का स्वरूप लगातार बढ़ रहा है.
स्नान का महत्व
मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस दौरान गंगा में स्नान को पुण्य स्नान कहा जाता है. कहते हैं कि गंगा में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
सागर द्वीप
हिमालय के हिमनद से निकल कर हरिद्वार (उत्तराखंड), उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए यह पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है. सागर में समाने से पहले गंगा की सहस्र जलधाराएं फूटती हैं और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप निर्मित होता है. इसे सागर द्वीप कहते हैं.
कैसे पहुंचें गंगा सागर
कोलकाता के बाबूघाट से काकद्वीप के लिए बसें छूटती हैं काकद्वीप से कासतला की दूरी फेरी से (शिप) से जाना होगा आउट्राम घाट से मेला प्रांगण तक स्वयंसेवी : आउट्राम घाट से मेला के लिए रवाना होते समय प्रत्येक बसों में निजी स्वयंसेवी संस्था के युवक यहां आनेवाले लोगों को जागरूक करेंगे.

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