15 को होगी मकर संक्रांति
भागलपुर: इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जायेगा. प्राय: 14 जनवरी को मकर संक्रांति रहने पर लोगों में उहापोह की स्थिति में हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा ने बताया कि पौष शुक्ल षष्ठी पर उत्तर भाद्र पद नक्षत्र, परिधि योग, कौलवकरण में मिथिला पंचांग के अनुसार 15 जनवरी शुक्रवार को प्रात: […]
भागलपुर: इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जायेगा. प्राय: 14 जनवरी को मकर संक्रांति रहने पर लोगों में उहापोह की स्थिति में हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा ने बताया कि पौष शुक्ल षष्ठी पर उत्तर भाद्र पद नक्षत्र, परिधि योग, कौलवकरण में मिथिला पंचांग के अनुसार 15 जनवरी शुक्रवार को प्रात: 7:21 बजे एवं काशी पंचांग प्रात: 7:46 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जायेगा. चूंकि 15 जनवरी 2016 को सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में कक्षा का परिवर्तन हो रहा है, इसलिए मकर संक्राति का पर्व इसी दिन मनाया जायेगा. इस दिन सूर्य अपनी कक्षा में परिवर्तन कर दक्षिणानयन से उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करेंगेे.
प्रात: 7:21 से 1:45 तक विशेष पुण्य काल
डॉ झा बताते हैं कि सूर्य की कक्षा का मकर राशि में परिवर्तन को मकर संक्रांति कहा जाता है. मिथिला पंचांग के अनुसार प्रात: 7 :21 से दोपहर 1:45 तक विशेष पुण्य काल रहेगा. यद्यपि पुण्य काल तो संपूर्ण ही रहेगा. इस दिन घृत और कंबल दान का विशेष महत्व है. श्रद्धालुओं को गंगा-यमुना, संगम एवं पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर दान-ध्यान करना चाहिए. यह श्रद्धालुओं के लिए विशेष फलदायी है.
फिर से शुरु जायेगा शादी-विवाह का लग्न
इस दिन खरमास समाप्त हो जायेगा और पुन: शादी-विवाह का लग्न शुरू हो जायेगा. इसके अलावा उपनयन, देवादि प्रतिष्ठा, मुंडन जैसे शुभ कार्य खरमास समाप्ति के बाद प्रारंभ हो जायेंगे. सूर्य उत्तरायण हो जायेंगे. इस दिन खिचड़ी पर्व भी मनाते हैं. दक्षिण भारत में पोंगल पर्व मनाया जाता है. श्रद्धालु अपने-अपने क्षेत्र के पवित्र नदी में स्नान कर दान आदि करते हैं. हालांकि गंगा सागर में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दिन गाय, कंबल, तिल के लड्डू, वस्त्र और धान का दान करने का महत्व है.