शिक्षिकाओं को ठगने के बाद बन जाता था पंडित

कोलकाता: वह अविवाहित शिक्षिकाओं पर नजर रखता था. अखबारों के विज्ञापन में खोजता फिरता था कि कहीं किसी अधेड़ महिला को जीवनसाथी तो नहीं चाहिए. बस और क्या था, ज्योंहि कोई शिकार मिलता वह दुल्हा बन कर पहुंच जाता. शादी की बात पक्की करता. फिर दुल्हन के लिए गहने बनाने के लिएजौहरीके विदा होता, इतने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2013 8:13 AM

कोलकाता: वह अविवाहित शिक्षिकाओं पर नजर रखता था. अखबारों के विज्ञापन में खोजता फिरता था कि कहीं किसी अधेड़ महिला को जीवनसाथी तो नहीं चाहिए. बस और क्या था, ज्योंहि कोई शिकार मिलता वह दुल्हा बन कर पहुंच जाता.

शादी की बात पक्की करता. फिर दुल्हन के लिए गहने बनाने के लिएजौहरीके विदा होता, इतने में दुल्हन से वह माप के लिए पुराने गहने मांगता. फिर उसे लेकर रफ्फू चक्कर हो जाता. इसके बाद इधर पीड़िता थाने-पुलिस करती और वह बोलपुर के एक मंदिर में पंडित के वेश में मामला शांत होने तक पूजा-पाठ करने में जुट जाता और फिर दूसरी शिकार के फिराक में जुट जाता. कुछ ऐसी ही कहानी अशोक चक्रवर्ती (48) की है.

उसे रविवार को बोलपुर से गिरफ्तार किया गया था. सोमवार को अदालत में पेश करने पर उसे 14 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया गया. आरोपी से प्राथमिक पूछताछ करने पर पुलिस के होश उड़ गये. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि आरोपी मूलत: बेहला का रहनेवाला है, घटना के बाद अपने घर से भाग कर वह बोलपुर में जाकर छिपा था. वहां इलाके में पंडित बन कर इलाके के घरो में पूजा पाठ, हवन, मंत्र जाप जैसे काम में जुड़ गया था.

अपने इस काम के साथ साथ वह बीच-बीच में महिलाओं से ठगी का यह धंधा भी चला रहा था. उसकी बोलपुर में दो पत्नी भी है. आरोपी की खाशियत यह है कि वह शिक्षिकाओं को ही अपने जाल में फंसाता था. काम व कैरियर के चक्कर में उम्र ढल जाने के कारण उम्रदराज शिक्षिकाएं शादी के लिए विज्ञापन दिया करती थी. उसी को देख कर यह उनसे संपर्क कर उसके साथ विवाह का झांसा देकर उसके गले व हाथों से जेवरात को माप दिलाने के बहाने लेकर भाग जाता था. महानगर के गरियाहाट, टॉलीगंज व लेक के अलावा साल्टलेक में भी वह उम्रदराज महिलाओं को अपना शिकार बना चुका था.

Next Article

Exit mobile version