पिकनिक मनाने गये छात्र की नृशंस हत्या
फाराबाड़ी जंगल में हुई वारदात में दो दोस्त जख्मी, एक की हालत गंभीर तीन संदिग्ध आरोपी गिरफ्तार गाना गाने को लेकर दो गुटों के बीच हुई थी भिड़ंत सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के निकट आसीघर पुलिस चौकी क्षेत्र के फाराबाड़ी जंगल में पिकनिक मनाते एक छात्र की नृशंस हत्या कर दी गयी. अन्य दो दोस्त भी […]
फाराबाड़ी जंगल में हुई वारदात में दो दोस्त जख्मी, एक की हालत गंभीर
तीन संदिग्ध आरोपी गिरफ्तार
गाना गाने को लेकर दो गुटों के बीच हुई थी भिड़ंत
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के निकट आसीघर पुलिस चौकी क्षेत्र के फाराबाड़ी जंगल में पिकनिक मनाते एक छात्र की नृशंस हत्या कर दी गयी. अन्य दो दोस्त भी जख्मी हैं. इनमें एक की हालत भी काफी गंभीर बतायी जा रही है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
मृत छात्र पार्थ राय (21) सिलीगुड़ी के 20 नंबर वार्ड के बागरोकोट के राजा राम मोहन कॉलोनी के निवासी माधव चंद्र राय का बेटा था और सूर्यसेन कॉलेज में कला विभाग का प्रथम वर्ष का छात्र था. माधव ने बताया कि उनका लड़का वार्ड के लोगों के साथ ही जंगल में पिकनिक मनाने गया था. वहां इसके एक दोस्त की पास में ही पिकनिक मना रहे अन्य टोली के साथ किसी बात पर झगड़ा हो गया. जिसका खामियाजा उसके लड़के को जान देकर भुगतना पड़ा. पेशे से प्राइवेट कंपनी के वाहन चालक माधव ने बताया कि उन्हें एक लड़का और एक लड़की में केवल लड़की ही बची है.
सिलीगुड़ी अस्पताल में भरती दीपज्योति सेन उर्फ सुबो व पांचू में सूबो की भी हालत काफी गंभीर है. उसके सिर पर गंभीर चोट पहुंची है. आंशिक रूप से जख्मी पांचू के अनुसार, पिकनिक स्पॉट पर वह और अन्य कई दोस्त गाना गाते हुए अपनी टोली में शामिल होने जा रहे थे. तभी पिकनिक मनाते अन्य टोली के युवकों ने उन्हें गाना न गाने अन्यथा सबको अस्पताल पहुंचाने की धमकी दी.
इसी बात को लेकर पहले दोनों टोली के बीच झगड़ा हुआ और फिर मामला शांत भी हो गया. बाद में वापस घर लौटने के दौरान दीपज्योति सेन की बाइक पर सवार होकर हम तीनों जैसे ही फाफड़ी से रवाना हुए, पहले से घात लगाकर बैठे कुछ स्थानीय युवकों ने पत्थर फेंक कर हमला कर दिया. हम जैसे ही सड़क पर गिरे उनलोगों ने हमें पीटा. पार्थ की पीठ पर एक युवक ने भुजाली से हमला कर दिया और सूबो के सिर पर भी हमला किया.
पास में ही खड़ी एक पुलिस वैन में सवार पुलिस कर्मी केवल मुकदर्शक बने रहे. उसने किसी तरह वैन के पास पहुंचकर मदद की गुहार लगायी तो मुझे पुलिस कर्मियों ने वैन पर सवार कर वापस फाफड़ी के जंगल में ही फेंक दिया. बाद में बीहड़ जंगल के भीतर से आ रही एक अन्य पुलिस वैन ने उसे अस्पताल पहुंचाया.