भाजपा नेताओं को मालदा स्टेशन से जबरन लौटाया

राजनीति : ‘तथ्य अन्वेषण टीम’ को हिंसा प्रभावित कालियाचक जाने से रोका समर्थकों का भड़का गुस्सा, विरोध प्रदर्शन अहलुवालिया ने राज्य सरकार को घेरा कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का लगाया आरोप मालदा : तीन सांसदों सहित भाजपा के पांच नेताओं को मालदा के कालियाचक जाने की अनुमति नहीं मिली. पुलिस प्रशासन ने मालदा टाउन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 6:40 AM
राजनीति : ‘तथ्य अन्वेषण टीम’ को हिंसा प्रभावित कालियाचक जाने से रोका
समर्थकों का भड़का गुस्सा, विरोध प्रदर्शन
अहलुवालिया ने राज्य सरकार को घेरा
कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का लगाया आरोप
मालदा : तीन सांसदों सहित भाजपा के पांच नेताओं को मालदा के कालियाचक जाने की अनुमति नहीं मिली. पुलिस प्रशासन ने मालदा टाउन स्टेशन से ही इन लोगों को लौटा दिया. सोमवार को दार्जिलिंग के सांसद सुरेंद्र सिंह अहलुवालिया के नेतृत्व में भाजपा के पांच नेता यहां पहुंचे थे. इनमें अहलुवालिया के अलावा राजस्थान के सांसद भूपेंद्र यादव, झारखंड के सांसद विष्णु दयाल राम एवं राज्य के दो भाजपा नेता किसानू मित्रा तथा जय बनर्जी शामिल हैं.
यह सभी नेता गौड़ बंग एक्सप्रेस से सुबह छह बजे मालदा टाउन स्टेशन पहुंचे. स्टेशन पर ही बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. मालदा जिला प्रशासन ने भाजपा के सभी नेताओं को स्टेशन परिसर में ही रोक दिया. पुलिस सभी नेताओं को लेकर वीआइपी वेटिंग रूम गयी और इन लोगों को बताया कि कालियाचक में धारा 144 लागू है.
वहां स्थिति सामान्य एवं नियंत्रण में है. ऐसे में भाजपा नेताओं के कालियाचक जाने की स्थिति में कानून व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसलिए सभी नेताओं को यहां से वापस भेज दिया गया. भाजपा के तीनों सांसदों तथा दो अन्य नेताओं के आगमन को लेकर सुबह से ही मालदा टाउन स्टेशन को किले में तब्दील कर दिया गया था.
एडीएम देवतोष मंडल स्वयं वहां मौजूद थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक मोदी के नेतृत्व में वहां बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गयी थी. भाजपा नेताओं ने पुलिस से सर्किट हाउस जाने की अनुमति मांगी.
पुलिस ने इसकी अनुमति भी नहीं दी. इन नेताओं को स्टेशन में रखने की बात सामने आते ही जिला शासक शरद द्विवेदी तथा पुलिस अधीक्षक प्रसून्न बनर्जी भी मौके पर पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने भाजपा नेताओं से काफी देर तक बातचीत की एवं बताया कि कालियाचक में स्थिति सामान्य है.
बाद में पांचों भाजपा नेताओं को 8.50 मिनट पर पुलिस प्रशासन ने एनजेपी हावड़ा डाउन शताब्दी एक्सप्रेस में बैठाकर वापस कोलकाता लौटा दिया. इस बीच, भाजपा नेताओं को स्टेशन परिसर में रोके जाने के विरोध में भाजपा समर्थकों ने वहीं विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष सुब्रत कुंडू, राज्य महासचिव विश्वप्रिय राय चौधरी आदि कर रहे थे.
सर्किट हाउस जाने की भी नहीं मिली इजाजत
इस दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए एसएस अहलुवालिया ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर वह लोग कालियाचक में हालात का जायजा लेने आये थे. पुलिस ने कालियाचक जाने से रोक दिया है. यहां तक कि सर्किट हाउस जाने की अनुमति भी पुलिस ने नहीं दी. लोकतांत्रिक देश में पुलिस के इस तानाशाही का जवाब मालदा की जनता देगी.
श्री अहलुवालिया ने आगे कहा कि वह लोग कालियाचक में अशांति पैदा करने के लिए नहीं आये थे. तीन जनवरी की घटना के बाद कालियाचक की स्थिति क्या है, यह जानने के लिए ही वह लोग यहां आये हुए थे. वह लोग कालियाचक जाकर स्थानीय लोगों से बातचीत करते. उन्होंने राज्य सरकार की भी कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है. वह इस पूरे मामले की रिपोर्ट केंद्र सरकार को देंगे.
राष्ट्रपति के पास जायेगी भाजपा
कोलकाता : भाजपा ने तथ्य अन्वेषण दल को हिंसा प्रभावित कालियाचक जाने की अनुमति नहीं देने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘वोट बैंक’ की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी का एक शिष्टमंडल जल्द ही इस संबंध में राष्ट्रपति से मिलेगा.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा के तीन सदस्यीय दल को नहीं जाने देने का निर्णय ममता की वोट बैंक की राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है. उन्होंने दावा किया कि तानाशाही राज्य सरकार की अपराधियों के प्रति अनुकंपा है लेकिन वह राष्ट्रवादियों को बंदूक दिखा रही हैं. गत तीन जनवरी को मालदा जिले में हिंसा पर राज्य सरकार के स्पष्टीकरण को खारिज करते हुए
उन्होंने कहा कि इसका मकसद रिकार्ड को नष्ट करना है जो कथित तौर पर जाली मुद्रा गिरोह से जुड़ा है और जिसे पुलिस थाने में रखा गया था. श्री सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि हम गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे और इस बारे में उपयुक्त जांच कराने की मांग करेंगे. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हम राष्ट्रपति से भी मिलेंगे. उन्होंने कहा कि एक लाख लोगों से अधिक की भीड़ सांप्रदायिक भावना के साथ जमा हुई लेकिन राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि उकसाऊ परचे बांटे जा रहे थे. भीड़ कथित तौर पर एक हिंदुवादी नेता के खबरों में आये बयान का विरोध कर रही थी और हिंसक हो गयी.
पश्चिम बंगाल के पार्टी मामलों के सह प्रभारी ने कहा कि ऐसा निंदनीय बयान देने के एक महीने बाद विरोध प्रदर्शन हुआ. उन्होंने दावा किया कि यह स्वत: हुई घटना नहीं बल्कि योजनाबद्ध कार्रवाई थी. उन्होंने ममता बनर्जी से इस घटना को लेकर पांच सवाल पूछे और दावा किया कि मालदा जाली मुद्रा और अफीम गिरोह का प्रमुख केंद्र बना गया है और वोट बैंक की राजनीति के कारण तृणमूल कांग्रेस सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. यह जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की कि 80 प्रतिशत जाली मुद्रा मालदा के जरिये जाती है. अफीम उत्पादन किया जाता है और तस्करी से बांग्लादेश भेजा जाता है. श्री सिंह ने सवाला उठाया कि आखिर तृणमूल सरकार किसे बचाना चाहती है.
तृणमूल कांग्रेस को ठहराया दोषी
इस बीच, भाजपा नेताओं को रोके जाने के लिए पार्टी के राज्य महासचिव विश्वप्रिय राय चौधरी ने तृणमूल को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के निर्देश पर ही भाजपा नेताओं को कालियाचक जाने से रोका गया. श्री रायचौधरी ने आगे कहा कि कालियाचक में इतनी बड़ी घटना हुई है, उसके बाद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कहती हैं कि कुछ भी नहीं हुआ है. उन्हें मालदा आकर परिस्थिति का जायजा लेना चाहिए. उन्होंने कालियाचक कांड में प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की भी मांग की.
क्या कहते हैं एडीएम
इस बीच, एडीएम देवतोष मंडल ने कहा है कि भाजपा नेताओं को समझा-बुझाकर वापस लौटाया गया है. उन्हें यह बताया गया है कि कालियाचक में धारा 144 लागू है और उनके वहां जाने से परिस्थिति बिगड़ सकती है. भाजपा नेताओं ने जिला प्रशासन के इस अनुरोध को मान लिया और कालियाचक नहीं गये. दूसरी ट्रेन से यह सभी नेता वापस कोलकाता लौट गये हैं.

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