पश्चिम बंगाल इकाई में भाजपा ने किया बदलाव
कोलकाता : आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की पश्चिम बंगाल ईकाई ने अपने संगठन का पुनर्गठन करते हुए शीर्ष पदों पर नये लोगों को जगह दी है. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने बताया कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हम लोगों ने संगठन का पुनर्गठन किया […]
कोलकाता : आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की पश्चिम बंगाल ईकाई ने अपने संगठन का पुनर्गठन करते हुए शीर्ष पदों पर नये लोगों को जगह दी है. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने बताया कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हम लोगों ने संगठन का पुनर्गठन किया है. अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम लोगों ने एक योजना तैयार की है. लोग हमारे साथ हैं और पूरे राज्य में हाल में चलाये गये कानून तोड़ो अभियान में यह बात साबित हो गयी थी. पिछले महीने ही घोष को राज्य में पार्टी का प्रमुख बनाया गया था.
आरएसएस प्रचारक घोष ने पद संभालने के कुछ सप्ताह बाद ही कई अधिकारियों और जिलाध्यक्षों को हटा दिया था. परिवर्तन के कारण भाजपा समर्थकों में नये प्रकार का उत्साह पैदा हो गया है और कानून तोड़ो अभियान के तहत वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर आ रहे हैं. पार्टी के एक अंदरुनी सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि घोष को आरएसएस का पूरा समर्थन है और अपने करीबी लोगों को प्रमुख जिम्मेदारी देने के बाद उसने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
अभिनेत्री से नेता बनी रुपा गांगुली को भाजपा की महिला शाखा का राज्य प्रमुख बनाया गया है. दूसरी ओर भाजपा महासचिव असीम सरकार और मीडिया संयोजक रितेश तिवारी को उनके वर्तमान पद से हटा दिया गया है. हालांकि तिवारी को सचिव पद पर बनाये रखा गया है, वहीं अमिताव रॉय को सचिव बनाया गया है.
पुराने नेताओं के स्थान पर वर्ष 2014 के बाद पार्टी से जुड़ने वाले बाहरी नेताओं को अहम पद दिये जाने से पैदा हो रहे असंतोष के बीच ये बदलाव किये गये हैं. पार्टी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हुए करीब 18 फीसदी वोट जुटाये थे लेकिन एक वर्ष के भीतर ही नेतृत्व की कमी और अंदरुनी कलह के कारण पार्टी राज्य की राजनीति में पिछड़ती हुई नजर आने लगी.