रूसी नागरिक होगा अपने वतन रवाना

कोलकाता : अपने वतन से हजारों मील दूर एक अनजाने देश में, न तो उसे किसी की भाषा समझ में आ रही थी और न कोई उसकी भाषा समझ पा रहा था और न ही उसके पास अपने वतन लौटने के लिए पैसे थे. स्थानीय भाषा नहीं जानने की वजह से वह मदद मांगने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 2:59 AM
कोलकाता : अपने वतन से हजारों मील दूर एक अनजाने देश में, न तो उसे किसी की भाषा समझ में आ रही थी और न कोई उसकी भाषा समझ पा रहा था और न ही उसके पास अपने वतन लौटने के लिए पैसे थे. स्थानीय भाषा नहीं जानने की वजह से वह मदद मांगने की स्थिति में नहीं था.
रूसी नागरिक मसालजिन अलेक्जेंडर के लिए यह विकट स्थिति थी. पिछले 10 दिनों से वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास ही घूम रहा था. उसके पास खाने-पीने तक के पैसे नहीं थे. आखिरकार एडीसी (एयर ट्रैफिक जोन) शिवानी तिवारी की नजर उस पर पड़ी. उन्होंने जांच की तो पता चला कि उस रूसी नागरिक के पास पासपोर्ट और वीजा वगैरह सभी सही हैं लेकिन उसके पास पैसे नहीं हैं.
उन्होंने प्रभात खबर से संपर्क किया. प्रभात खबर ने मसालजिन अलेक्जेंडर को उसके देश, रूस भेजने का संकल्प लिया. प्रभात खबर की ओर से प्रभा खेतान फाउंडेशन के प्रमुख संदीप भुतोड़िया से संपर्क किया गया. श्री भुतोड़िया ने रूसी दूतावास के साथ उक्त रूसी नागरिक के संबंध में बातचीत की. उन्होंने रूसी दूतावास से मसलाजिन अलेक्जेंडर की जांच करने के लिए कहा. उनका कहना था कि यदि वह व्यक्ति कोई असामाजिक तत्व नहीं है और मुसीबत में है, तो वह उसकी मदद करने के लिए तैयार हैं. रूस जाने के लिए टिकट का जो भी खर्च लगेगा वह उसे देने के लिए तैयार हैं.
रूसी दूतावास ने मसालजिन की जांच की तो उसे रूस का नागरिक और मुसीबत में फंसा पाया. इसके बाद संदीप भुतोड़िया ने उसके टिकट की व्यवस्था कर दी. रविवार को मसालजिन अलेक्जेंडर अपने वतन के लिए रवाना हो रहा है. भले ही वह स्थानीय भाषा नहीं बोल पा रहा, लेकिन उसकी आंखें अपने मददगारों को धन्यवाद देते नहीं थकतीं.

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