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बिहारी बाबू के बागी तेवर, मैं निर्दलीय के तौर पर भी चुनाव जीत सकता हूं

कोलकाता : भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि वह अगर निर्दलीय के तौर पर भी चुनाव लड़ते हैं तो वह जीत सकते हैं. साथ ही, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें लंबे समय से अन्य पार्टियों से प्रस्ताव मिलते रहे हैं. बिहार के हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा दरकिनार रखे गए पटना साहिब […]

कोलकाता : भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि वह अगर निर्दलीय के तौर पर भी चुनाव लड़ते हैं तो वह जीत सकते हैं. साथ ही, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें लंबे समय से अन्य पार्टियों से प्रस्ताव मिलते रहे हैं. बिहार के हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा दरकिनार रखे गए पटना साहिब से सांसद ने यह भी कहा कि उन्होंने अपना विचार उस वक्त दिया, जब कभी प्रधानमंत्री या पार्टी ने कुछ अच्छी या बुरी चीजें की और वह कभी असंतुष्ट या नाराज नहीं रहे हैं.

सिन्हा ने यहां पीटीआई भाषा से कहा कि चूंकि मैं राजनीति में एक अच्छा आदमी हूं, इसलिए मुझे बरसों से अन्य दलों से प्रस्ताव मिलते रहे हैं. यही कारण है कि मैं कहता रहा हूं कि मुझे कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं रिकार्ड मतों के अंतर से जीतता रहा हूं. यहां तक कि निर्दलीय चुनाव लड़ने पर भी समस्या नहीं होगी, क्योंकि काफी लोग मुझे समर्थन करेंगे. सिन्हा ने 2.64 लाख से अधिक वोटों के अंतर से 2014 का लोकसभा चुनाव जीता था. गौरतलब है कि कभी भाजपा के स्टार प्रचारक रहे सिन्हा को भाजपा नेतृत्व ने बिहार के हालिया विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्य में नजरअंदाज किया और इस चुनाव में पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया.

बिहार में भाजपा ने जिस तरह से चुनाव प्रचार किया उसे लेकर उन्होंने पार्टी की आलोचना की और यहां तक कि महागठबंधन की जीत को लोकतंत्र की जीत बताया. उन्होंने कहा कि मैं दीवार पर लिखी इबारत को देख सकता हूं. मैंने यह कोशिश की कि हर कोई ट्विटर सहित विभिन्न माध्यमों से समझे. मैंने यह भी सुना कि वे लोग मुझे पार्टी से हटा सकते हैं. मैंने कहा कि कोई समस्या नहीं है, आप कर सकते हैं क्योंकि आप निर्णय लेने वाली इकाई में हैं लेकिन उन्होंने मुझे नहीं हटाया.

सिन्हा ने कहा कि उन्होंने हमेशा ही राजनीति में एक रुख रखा है, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि वह युवाओं के लिए प्रेरणास्पद रहा है. उन्होंने कहा कि राजनीति में मैं किसी का गुणगान नहीं कर सकता. जब प्रधानमंत्री और पार्टी ने अच्छा काम किया, मैंने यह कहा और जब मुझे नहीं लगा कि यह अच्छा है, तब मैंने अपना विचार दिया. उन्होंने यहा भी कहा कि वह कभी असंतुष्ट या नाराज नहीं रहे जैसा कि मीडिया ने दावा किया. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा ही शांत और स्थिर रहा. मैं अपने सिद्धातों और ईमानदारी से समझौता नहीं करुंगा. मैंने कोई पार्टी विरोधी या राष्ट्र विरोधी काम नहीं किया है. मैं ऐसा कभी नहीं करुंगा. मैं पार्टी की गरिमा को समझता हूं. मुझे नहीं लगता कि वे लोग मुझे हटायेंगे.

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