पलटवार: मंच से चावल और साइकिल देने पर किया कटाक्ष, ममता पर बरसे भाजपा नेता

मालदा. दो रूपये की दर से चावल देने एवं मंच से साइकिल वितरण को लेकर भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया है़ उन्होंने कहा कि साढ़े चार वर्ष के शासन में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की अवस्था को डावांडोल कर दिया है. राज्य की ऐसी स्थिति वामदल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2016 1:30 AM
मालदा. दो रूपये की दर से चावल देने एवं मंच से साइकिल वितरण को लेकर भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया है़ उन्होंने कहा कि साढ़े चार वर्ष के शासन में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की अवस्था को डावांडोल कर दिया है. राज्य की ऐसी स्थिति वामदल के 34 वर्षों के शासनकाल में भी नहीं हुयी थी. उन्होंने अबतक तो कुछ किया नहीं और अब मंच से चावल और साइकिल बांट रही हैं.

दक्षिण दिनाजपुर जिले के बुनियादपुर में केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी के सभा में शामिल होने से पहले मालदा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने ममता को जमकर कोसा़ इस मौके पर रूपा गांगुली भी उपस्थित थीं. दोनो नेताओं ने कहा कि कालियाचक में जो घटित हुआ है उससे प्रमाणित होता है कि राज्य में कानून व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं बचा है. अभी भी विभिन्न थानों में हमले हो रहें हैं. पुलिस क्या कर रही है और मंत्री क्या कर रहें है किसी को नहीं पता. पुलिस कर्मचारी स्वयं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. तृणमूल के सत्ता में आने के बाद से ही पुलिस प्रशासन का इस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है़ इसका खामियाजा पुलिस के साथ ही जनता को भी भुगतना पड़ रहा है. जिस राज्य में पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं हों तो नागरिकों की सुरक्षा कैसे होगी.

रूपा गांगुली ने कहा कि पुलिस का उपयोग राज्य सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिये कर रही है. यही कारण है कि पुलिस पर हमले हो रहे हैं और प्रशासन खामोश है. पुलिस वाले अपनी वर्दी पहनने में डर रहे हैं. दो रूपये किलो की दर से चावल देकर मुख्यमंत्री प्रमाणित करना चाहती है कि राज्य के नागरिक गरीब है एवं सरकार उन्हें अनुदान दे रही है.

भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्य की जनता एकबार फिर से परिवर्तन की मांग कर रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा अकेले चुनाव लड़ेगी़ हांलाकि उन्होंने यह भी कहा कि राज्य से तृणमूल को खदेड़ने के लिये सामान्य विचारधारा वाले राजनीतिक दल साथ आ सकते हैं. चुनाव में भाजपा की ओर से परिवर्तन की मांग की गयी है. राज्य स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा सभी दिशा से नीचे की ओर अग्रसर है. महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के अलावा सब कुछ हो रहा है. अस्पतालों में नागरिकों को चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल रही है और मुख्यमंत्री कहती है कि असप्तालों में सभी चिकित्सा को मुफ्त कर दिया गया है.

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