आनंद सिंह, कोलकाता ब्यूरो
कोलकाता :उत्तर 24 परगना के कामदुनी में कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और उसकी हत्या के मामले में बैंकशल कोर्ट की नगर दायरा अदालत ने दोषी सैफुल अली मोल्ला, अंसार अली मोल्ला, अमीन अली मोल्ला को फांसी की सजा सुनायी. इसके अलावा बाकी तीन दोषियों भोला नस्कर, इमानुल इसलाम और अमीनुर इसलाम को आजीवन कारावास की सजा न्यायाधीश संचिता सरकार ने सुनायी. फैसले की खबर मिलते ही इस मामले में दोषियों को सजा दिलाने की मांग पर आंदोलन करने वाली महिलाएं मौसमी व टूंपा कयाल फूट-फूटकर रोने लगीं.येदोनों महिलाएं पीड़ित लड़की की सहेलीहैं,जिन्होंने इस पूरे मामले में न्याय कीलड़ाई लड़ी. उनका कहना था कि उनकी लड़ाई आज सार्थक हुई.
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शनिवार को न्यायाधीश ने दोषियों के नाम लेकर उन्हें सजा सुनायी. सजा सुनाने के बाद वह अपने चेंबर में चली गयी. इससे पहले दोषियों के वकील फिरोज एडुलजी ने अदालत में कहा कि यह विरलतम घटना नहीं है. इस सिलसिले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों को भी प्रस्तुत किया. कामदुनी मामले में पीड़ित युवती की मौत को उन्होंने हादसा करार दिया. हालांकि सरकारी वकील ने इस विरलतम और जघन्य अपराध बताया. उनका कहना था कि हत्या हादसा नहीं थी. मजिस्ट्रेट के सामने दिये गये 164 के तहत हल्फिया बयान में आरोपियों ने युवती की किस तरह हत्या की थी उसे नाट्य रूप देकर दिखाया था. लिहाजा हत्या को हादसा बताने की कोई गुंजाइश ही नहीं बची है. आरोपियों द्वारा दुष्कर्म किये जाते वक्त युवती बेहोश हो गयी थी. जब उसे होश आया तो उसे नृशंस तरीके से बार-बार चोट पहुंचायी गयी.
पीड़ित लड़की की सहेली तुंपाकयालव मौसमीकयाल, जिन्होंने न्याय की पूरी लड़ाई लड़ी.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को दोषियों के वकील ने कहा था कि उन्हें फैसले की कॉपी नहीं मिली है जिसकी वजह से वह वह पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सकते. इसके बाद ही शनिवार को फैसला सुनाये जाने की घोषणा की गयी. बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोपियों को फांसी की बजाय आजीवन कारावास दिये जाने की अपील की. गुरुवार को अदालत ने इस मामले में छह को दोषी माना था और दो को बेकसूर. एक आरोपी की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गयी थी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 के सात जून को 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा को कामदुनी में उसके घर पहुंचने के पहले ही अपहरण कर लिया गया और नौ लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. उसका क्षतविक्षत शव एक दिन बाद पाया गया. मामले के जांच करने वाले सीआइडी अधिकारी ने बताया कि पकड़े जाने और जेल में रहने के बाद भी दोषियों में कोई पश्चाताप उन्होंने नहीं देखा था.
किसधारा के तहत दोषी करार
अदालत ने सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल को अली को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के तहत धारा 376 (डी) (सामूहिक दुष्कर्म), 302 (हत्या), 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत दोषी करार दिया. इमानुल इसलाम, अमीनुल इसलाम और भोला नस्कर को धारा 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म), 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और 201 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत दोषी करार दिया गया था.
तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत दोषी ठहराया गया. न्यायाधीश ने इमानुल इसलाम, अमीनुल इसलाम और भोला नास्कर को धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार), 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और 201 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत दोषी पाया.
गौरतलब है कि 21 वर्ष की एक कॉलेज छात्रा के साथ जून 2013 में दरिंदगी से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. सैफुल अली ने लड़की को सड़क पर रोका और उसे एक फार्महाउस के भीतर ले गया, जहां इस अपराध को अंजाम दिया गया. उसे धारा 109 (अपराध में सहायता देना) और 342 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) के तहत दोषी पाया गया.
अदालत में सुनवाई के दौरानन्याय की मांग करने वाली भावुक महिलाएं.