कानून बदला, नहीं बदले हालात

कोलकाता : निर्भया कांड के बाद कोलकाता पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए दो हेल्पलाइन खोलीं. इसके लिए दो नंबर 8017100100 व 1091 जारी किये गये.तात्कालिक पुलिस आयुक्त रंजीत कुमार पचनंदा ने बताया था कि किसी भी समस्या में पड़नेवाली महिला इस नंबर पर फोन कर सकती है, ताकि उन्हें तुरंत मदद मिलेगी, लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2013 6:57 AM

कोलकाता : निर्भया कांड के बाद कोलकाता पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए दो हेल्पलाइन खोलीं. इसके लिए दो नंबर 8017100100 व 1091 जारी किये गये.तात्कालिक पुलिस आयुक्त रंजीत कुमार पचनंदा ने बताया था कि किसी भी समस्या में पड़नेवाली महिला इस नंबर पर फोन कर सकती है, ताकि उन्हें तुरंत मदद मिलेगी, लेकिन इसके बावजूद कई बार ऐसी शिकायतें पुलिस के पास की गयी कि इस नंबर पर फोन करने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली.

स्कूलों में जाकर जागरूकता अभियान

वर्तमान पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ के निर्देश पर महानगर के स्कूल व कॉलेजों में जाकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. इसमें स्थानीय थाने के प्रभारी के अलावा विभाग के डीसी स्कूलों में जाकर आपातकालीन स्थिति से निबटने व आत्म सुरक्षा के गुर सिखाये जा रहे हैं. वहीं राज्य सरकार की तरफ से भी छात्राओं को कराटे की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जा रही है.

साइबर संबंधी मामलों से भी सतर्क रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

थानों में ज्यादा महिला पुलिस की तैनाती

हाल ही में एक कार्यक्रम में राज्य की मुख्यमंत्री ने भी महिला अपराध को रोकने के लिए महानगर के प्रत्येक थाने में महिला पुलिस की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया था, जिसके बाद इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गयी है.

शिकायत दर्ज करने के लिए महिला पुलिस की तैनाती

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि महिलाओं के साथ छेड़खानी व अपराध की बढ़ती घटना के बावजूद महिलाएं अपनी शिकायतें दर्ज करवाने में हिचकती थी. उनकी इस समस्या पर गौर करते हुए अब महानगर में थानों में शिकायत दर्ज कराने आने वाली महिलाओं की शिकायत महिला पुलिस द्वारा ही लिये जाने को अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे वह खुल कर अपनी समस्या बता सकेंगी.

मेट्रो की बोगी में महिला पुलिस से तलाशी अभियान

मेट्रो रेल के अधिकारियों के मुताबिक छेड़खानी के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए मेट्रो रेल ने भी सतर्कता बरती है. अब महानगर के मेट्रो स्टेशन में भी प्लेटफॉर्म के अलावा अब बॉगी के अंदर भी महिला पुलिस से निगरानी रखी जा रही है. जिसके कारण एक तरफ मनचलों के मन में डर घर कर जाने के कारण पहले की तुलना में यहां छेड़खानी के मामलों में कमी आयी है.

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