अस्पतालों का स्वास्थ्य सुधारने की हुई पहल

कोलकाता: ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार 20 तारीख को दो साल की हो जायेगी. यह दो साल स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार के लिए काफी चुनौती पूर्ण रहा. डेंगू व शिशु मृत्यु की बढ़ती घटनाओं ने सरकार को काफी परेशान किया. इन दो वर्षो में शिशु मृत्यु दर को कम करने में तृणमूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:38 PM

कोलकाता: ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार 20 तारीख को दो साल की हो जायेगी. यह दो साल स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार के लिए काफी चुनौती पूर्ण रहा. डेंगू व शिशु मृत्यु की बढ़ती घटनाओं ने सरकार को काफी परेशान किया. इन दो वर्षो में शिशु मृत्यु दर को कम करने में तृणमूल सरकार फिसड्डी साबित हुई.

हालांकि की शिशु मृत्यु के बढ़ते मामले को कम करने के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाये. इसके अलावा राज्य में 35 फेयर प्राइस मेडिसिन शॉप व 40 सिक न्यूनेटल केयर यूनिट खोले गये. सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है. हालांकि इन फेयर प्राइस शॉप से आम लोगों को विशेष लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं. राज्य सरकार ने मेडिकल के सीट को बढ़ाने व विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कई नये विभाग खोलने की घोषणा भी की है.

कोलकाता व मालदा में मैटरनिटी हब
राज्य में बढ़ रही शिशु मृत्यु की घटनाओं को कम करने के लिए कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मदर एंड चाइल्ड केयर हब (मैटरनिटी हब) खोले जाने की घोषणा की गयी है. इसके अलावा उक्त अस्पताल परिसर में पांच मंजिली इमारत बनाने पर कार्य चल रहा है. यहां मां व शिशु के स्वास्थ्य व उनके इलाज पर विशेष जोर दिया जायेगा.

करीब नौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उक्त मैटरनिटी हब में अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों की मदद से इलाज किया जायेगा. उक्त अस्पताल में ही 16 करोड़ रुपये की लागत से 110 बेड वाली न्यू बॉर्न केयर यूनिट के अलावा पांच मंजिला सेंट्रल ऑफ एक्सिलेंस और 10 मंजिला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है. सेंट्रल ऑफ एक्सिलेंस पर 1.71 करोड़ और 10 मंजिला सुपर स्पेशियलिटी विभाग पर 11.63 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. उधर मालदा मेडिकल कॉलेज में भी मदर एंड चाइल्ड के यर हब (मैटरनिटी) हब खोलेगा.

35 फेयर प्राइस मेडिसिन शॉप
राज्य की करीब 70 फीसदी आबादी सरक ारी अस्पतालों पर निर्भर हैं. इसके मद्देनजर सरकार ने लोगों को काफी कम मूल्य पर दवा मुहैया करवाने के लिए उक्त योजना को शुरू की है. इसके तहत महानगर समेत राज्य के कुल 35 स्थानों में फेसर प्राइस मेडिसिन शॉप खोले गये हैं. इन दवा कि दुकानों से करीब आधे से भी क म मूल्य पर दवा बेची जा रही है. हालांकि, इस योजना से अब तक आम लोगों को विशेष लाभ नहीं मिल रहा है, क्योंकि अधिकांश समय लोगों को इन दुकानों से खाली हाथ ही लौटना पड़ता है.

34 सिक न्यूनेटल केयर यूनिट
राज्य में शिशु मृत्यु दर को कम करने की कोशिश में लगे सरकार ने इन दो सालों में राज्य में कुल 34 सिक न्यूनेटल केयर यूनिट खोली है. इस वर्ष इनकी संख्या को बढ़ा कर 50 करने की योजना है. राज्य सरकार के अनुसार वाम शासन काल में उक्त यूनिटों की संख्या मात्र छह थी. राज्य सरकार इसे अपनी बड़ी सफलता मान रही है.

कैंसर पीड़ितों के लिए विशेष पैकेज
दो सालों में राज्य सरकार कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए विशेष तरह की योजना चला रही है. इसके तहत कैंसर पीड़ित मरीजों को उनके इलाज के लिए उक्त योजना के तहत राज्य सरकार करीब एक लाख रुपये का अनुदान दे रही है. यह योजना फिलहाल नार्थ बंगाल में जारी है. बाद में इसे उत्तर बंगाल सह पूरे राज्य में लागू करने की योजना है.

कई अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ी
राज्य के एक मात्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एसएसके एम (पीजी) पर से मरीजों के दबाव को कम करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कई सरकारी अस्पतालों बेड की संख्या को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है. इस कड़ी में महानगर के कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (चित्तरंजन) के गायनो विभाग में हाइ डिपेंडेसी यूनिट (एचडीयू) शुरू की गयी है. इसके अलावा एमआर बांगुर अस्पताल में 40 बेड वाली बर्न यूनिट को खोले जाने पर कार्य चल रहा है. एक महीने के भीतर इसे चालू कर दिया जायेगा.

डेंगू के प्रकोप से सरकार सकते में
गत वर्ष सरकार व राज्य वासियों को डेंगू के मच्छरों ने काफी परेशान किया. गत साल अगस्त से नवंबर तक डेंगू की चपेट में सैकड़ों लोग आये. स्वास्थ्य भवन की रिपोर्ट के अनुसार डेंगू से करीब 11 जानें गयीं. जबकि गैर सरकारी संस्थानों के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी. इससे सीख लेते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष पहले महीने से राज्य के विभिन्न निगमों और नगर पालिकाओं को सतर्क रहने की हिदायत दे रखी थी. समय-समय पर दवा छिड़काव करने का निर्देश भी दे रखा था.

मेडिकल कॉलेज की सीटों में वृद्धि
राज्य के मेडिकल कॉलेजों की सीटों को बढ़ाया गया है. इस वक्त राज्य में कुल 1900 सीट है. पहले इनकी संख्या 1650 थी.

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