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जूट कालाबाजारी पर सख्त हुए आयुक्त

कोलकाता: जूट कालाबाजारी व स्टॉक की गलत जानकारी देनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. यही चेतावनी जूट आयुक्त ने मिल मालिकों को दी है. साथ ही जमाखोरी व कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए प्रवर्तन विभाग के साथ जूट अायुक्त ने छापेमारी भी शुरू कर दी है. बनगांव व रानाघाट में जूट के तीन […]

कोलकाता: जूट कालाबाजारी व स्टॉक की गलत जानकारी देनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. यही चेतावनी जूट आयुक्त ने मिल मालिकों को दी है. साथ ही जमाखोरी व कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए प्रवर्तन विभाग के साथ जूट अायुक्त ने छापेमारी भी शुरू कर दी है.

बनगांव व रानाघाट में जूट के तीन गोदामों में छापेमारी कर उन्हें सील कर दिया गया है. इस सप्ताह के आरंभ में जूट आयुक्त सुब्रत गुप्ता, जूट उपायुक्त दीपंकर महतो ने जूट मिल मालिकों के संगठन इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (इज्मा) के अध्यक्ष मनीष पोद्दार के साथ बैठक की. इस बैठक में इज्मा के पूर्व अध्यक्ष संजय कजारिया, पूर्व अध्यक्ष राघव गुप्ता, अरुण लोहिया, आरके पोद्दार, आवंती कांकड़िया, संजय हाडा, जीआर वर्मा सहित अन्य जूट मिलों के मालिक उपस्थित थे.

सूत्रों के अनुसार बैठक में जूट आयुक्त ने कहा कि जूट आयोग ने मिल मालिकों को जूट स्टॉक लिमिट भेजने का निर्देश दिया था, लेकिन कुछ जूट मिल मालिक स्टॉक का डाटा नहीं भेज रहे हैं और कुछ लोगों ने गलत डाटा भेजा है. गलत डाटा देनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. ऐसे जूट मिल मालिकों को सरकारी अधिसूचना जारी कर ‘डिफाॅल्टर’ करार दिया जायेगा और ‘उनसे किसी प्रकार का बिजनेस’ नहीं किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि अभी तक उनके कार्यालय को कागजी शेर कहा जाता रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. वे लोग नियम का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और मार्केट में पारदर्शिता व समानता लायी जायेगी. उन्होंने आशंका जतायी कि जूट मार्केट भी शेयर बाजार की तरह ही ‘स्पेकुलेशन’ फैक्टर पर काम कर रहा है और इससे कच्चे जूट की कीमत में उतार-चढ़ाव हो रहा है.
बैठक में जूट मिल मालिकों ने ब‍ांग्लादेश से कच्चे जूट के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने और नेपाल से निर्यात बंद करने की बात उठायी. इसके साथ ही जूट मिल मालिकों ने महंगाई भत्ता बढ़ाने के साथ ही जूट की कीमत बढ़ाने की मांग की. इस पर जूट आयुक्त ने कहा कि यह उनका वाणिज्यिक विषय है. इस संबंध में जूट मिल मालिक खुद ही निर्णय करें और लागत में कमी लायें. जूट आयुक्त ने जूट उद्योग में मतभेद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे जूट उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है. सभी जूट मिल मालिकों से अपील की कि वे सरकार की नीतियों के अनुरूप कार्य करें.
इज्मा के अध्यक्ष मनीष पोद्दार ने कहा कि उन लोगों ने जूट मिल मालिकों व जूट उद्योग की समस्या से जूट आयुक्त को अवगत कराया, जहां तक जूट आयोग को गलत डाटा देने की बात है. कुछ लोगों द्वारा ऐसा किया जा रहा है. बहुसंख्यक जूट मिल मालिक जूट आयोग के फैसले के अनुसार ही काम कर रहे हैं.

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