माकपा राज्य कमेटी की बैठक में कांग्रेस से गंठबंधन पर हुई चर्चा

कोलकाता. प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गंठबंधन के मुद्दे पर चर्चा को लेकर वाममोरचा राज्य कमेटी की ओर से जहां सहमति जतायी गयी है वहीं माकपा राज्य कमेटी की बैठक में भी गंठबंधन के मुद्दे पर चर्चा हुई. शुक्रवार को माकपा राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई. सूत्रों के अनुसार बैठक में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2016 1:34 AM
कोलकाता. प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गंठबंधन के मुद्दे पर चर्चा को लेकर वाममोरचा राज्य कमेटी की ओर से जहां सहमति जतायी गयी है वहीं माकपा राज्य कमेटी की बैठक में भी गंठबंधन के मुद्दे पर चर्चा हुई. शुक्रवार को माकपा राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई. सूत्रों के अनुसार बैठक में माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा द्वारा प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति संबंधी एक रिपोर्ट पेश की. बताया जा रहा है कि पेश की गयी रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में बेदखल करने की बात ही प्रमुख है.

साथ ही कांग्रेस से संभावित गंठबंधन के मुद्दे का जिक्र भी उक्त रिपोर्ट में किया गया. बताया जा रहा है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए माकपा हर विकल्पों पर चर्चा को तैयार है. सूत्रों के अनुसार माकपा राज्य कमेटी के पहले दिन की बैठक में कांग्रेस से संभावित गंठबंधन को लेकर चर्चा किये जाने पर लगभग सहमति बनी है. बैठक में माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, विमान बसु समेत अन्य नेता शामिल हुए थे.

पार्टी सूत्रों के अनुसार शनिवार यानी बैठक के दूसरे दिन माकपा राज्य कमेटी की ओर से कांग्रेस से संभावित गंठबंधन के मसले को लेकर पार्टी की केंद्रीय कमेटी को प्रस्ताव भेजे जाने का फैसला लिया जा सकता है, क्योंकि गंठबंधन संबंधी अंतिम फैसला माकपा केंद्रीय कमेटी ही करेगी. माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य का विकास न केवल थम गया है बल्कि विकास के मामले में पिछड़ता भी जा रहा है. मौजूदा अराजकता की स्थिति से निबटने के लिए तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाना बेहद जरूरी है. माकपा के अन्य नेताओं का कहना है कि केंद्र से भाजपा और राज्य से तृणमूल कांग्रेस को हटाना बेहद जरूरी है. प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की रणनीति भी इसी पर आधारित होगी. यानी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस विरोधी ताकतों को एकजुट करने पर माकपा ज्यादा से ज्यादा जोर देगी. कई नेताओं का मानना है कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस विरोधी ताकतों के एकजुट होने का फायदा वाममोरचा को मिल सकता है. ध्यान रहे कि माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक आगामी 17-18 फरवरी को होगी. सूत्रों के अनुसार इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में एक अहम बैठक हो सकती है जिसमें बंगाल में होने वाले प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में वाममोरचा से संभावित गंठबंधन के मसले पर कांग्रेस कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है.
माकपा कार्यालय के निकट लगाये पोस्टरों को लेकर बनी अजीब स्थिति
प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में गंठबंधन के मसले पर यदि कांग्रेस कोई प्रस्ताव देती है तो वाममोरचा राज्य कमेटी को चर्चा से किसी भी प्रकार का एतराज नहीं है. वहीं दूसरी ओर माकपा राज्य कमेटी की बैठक में भी संभावित गंठबंधन के मसले पर चर्चा को लेकर लगभग सहमति बन गयी है. लेकिन शुक्रवार को अलीमुद्दीन स्ट्रीट इलाके में माकपा राज्य कमेटी के कार्यालय के निकट लगाये गये कुछ पोस्टरों को लेकर एक अजीब स्थिति पैदा हो गयी है. पोस्टर में लिखा है ‘स्टाॅप वायोलेंस ऑफ पार्टी लाइन, नो टू कांग्रेस’ यानी पार्टी लाइन का उल्लंघन रोकने व कांग्रेस के साथ नहीं जाने की बात कहीं गयी है. ऐसे पोस्टर किसने लगाये हैं, इसको लेकर भी संशय बना हुआ है. इस बारे में माकपा नेताओं से पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.

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