ट्रेन का कन्फर्म्ड टिकट नहीं मिले तो न हो परेशान
कोलकाता : दो छात्रों ने एक ऐसा मोबाइल एप्प शुरू किया है जो ट्रेन का कन्फर्म्ड टिकट पाने में आपकी मदद करेगा. अपनी अनूठी प्रोग्रामिंग के चलते यह सीट के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करता है. एप्प के विकास में साझीदार रुणाल जाजू ने बताया, ‘‘टिकट बुकिंग के लिए स्टेशन-वार कुछ कोटा हैं. मिसाल […]
कोलकाता : दो छात्रों ने एक ऐसा मोबाइल एप्प शुरू किया है जो ट्रेन का कन्फर्म्ड टिकट पाने में आपकी मदद करेगा. अपनी अनूठी प्रोग्रामिंग के चलते यह सीट के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करता है. एप्प के विकास में साझीदार रुणाल जाजू ने बताया, ‘‘टिकट बुकिंग के लिए स्टेशन-वार कुछ कोटा हैं. मिसाल की तौर पर आप स्टेशन ‘क’ से टिकट बुक कर रहे हैं, यह वेटिंग लिस्ट दिखा सकता है, लेकिन जब किसी पिछले स्टेशन से बुक कराते हैं तो हो सकता है कि आपको टिकट मिल जाए. अगर आप ऐसे स्टेशन को खुद से खोजना चाहें तो यह मुश्किल होगा, लेकिन हमारा ऐप्प इसे स्वत: कर देता है.” ‘टिकट जुगाड’ नाम के इस ऐप्प का विकास आईआईटी खडगपुर के दूसरे वर्ष के छात्र रुणाल जाजू और उनके चचेरे भाई शुभम बलदावा ने किया है. बलदावा जमशेदपुर एनआईटी के छात्र हैं.
आईआईटी के उद्यमशीलता प्रकोष्ठ ने इस ऐप्प को समर्थन दिया है और इस स्टार्ट अप को आईआईटी खडगपुर के वार्षिक ग्लोबल बिजनेस माडल कंपटीशन में डेढ लाख रुपये का इनाम मिला है. यह ऐप्प प्रस्थान स्टेशन से पहले या बाद के स्टेशनों के हिसाब से उपलब्ध टिकट खोज देता है और किसी कन्फर्म्ड टिकट से पूरा होने वाले अधिकतम मार्ग की जानकारी देता है. उल्लेखनीय है कि रेल विभाग यात्रियों को बुकिंग स्टेशन के बाद वाले स्टेशनों से रेलगाडी पर सवार होने की इजाजत देता है.
जाजू ने बताया कि कुछ टिकट एजेंट बिना किसी ऐप्प की मदद से खुद से इस तरह की गणना कर सकते हैं और वे कन्फर्म्ड टिकट उपलब्ध कराते हैं, लेकिन इसके लिए वे बेतहाशा पैसा वसूलते हैं. मजे की बात है कि छात्रों का यह ऐप्प मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है. साथ ही, यह सेवा प्रदान करने के लिए कोई शुल्क नहीं लेता. जाजू महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं और औरंगाबाद से खडगपुर के सफर में टिकट मिलने की कठिनाइयों ने उन्हें यह ऐप्प विकसित करने की प्रेरणा दी.