राज्य की जनता के हितों का ध्यान रखें सीएम : एसयूसीआइ

कोलकाता. विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई योजनाएं शुरू की है, लेकिन इन योजनाओं से आम जनता को वास्तविक रूप से कुछ लाभ हो रहा है या नहीं, यह अभी तक सवाल बना हुआ है. जनता का हितैशी व महंगाई के खिलाफ आवाज बुलंद करनेवाली सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2016 8:01 AM
कोलकाता. विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई योजनाएं शुरू की है, लेकिन इन योजनाओं से आम जनता को वास्तविक रूप से कुछ लाभ हो रहा है या नहीं, यह अभी तक सवाल बना हुआ है. जनता का हितैशी व महंगाई के खिलाफ आवाज बुलंद करनेवाली सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बिजली कीमत ने आम जनता जीना मुहाल कर दिया है.

पिछले साढ़े चार वर्षों में बिजली कीमतों में 12 बार बढ़ोतरी की गयी है. सिर्फ यही नहीं, राज्य सरकार की अधीनस्थ संस्था एसयूडीसीएल ने बिजली कीमतों को और बढ़ाने के लिए ट्रिबुनल के समक्ष मामला किया है, अगर उनकी यह मांग मंजूर होती है तो यहां बिजली कीमत बढ़ कर प्रति यूनिट 13.20 रुपये हो जायेगी. ऐसा ही आरोप एसयूसीआइ ( कम्यूनिस्ट) के प्रदेश सचिव सौमेन बसु ने राज्य सरकार पर लगाया है.

इस संबंध में एसयूसीआइ की ओर से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिख कर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है. इसके साथ ही एसयूसीआइ ने भूखमरी की वजह से चाय बागान में हो रहे श्रमिकों की मृत्यु पर चिंता जाहिर की है और मुख्यमंत्री से इस आेर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की गयी है. इसके साथ-साथ डिजिटल राशन कार्ड के नाम पर हुए धांधली के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के सभी लोगों काे डिजिटल राशन कार्ड प्रदान करना होगा, ताकि उनको खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल व गेंहू मिल सके.

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