कांग्रेस व वामो का गंठबंधन लगभग तय

विधानसभाचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हराने के िलए आखिरकार प्रदेश कांग्रेस व वाम मोरचा के बीच गंठबंधन लगभग तय हो गया है. इस बारे में फैसला माकपा प्रदेश कमेटी को लेना है, जो पहले से ही ऐसे गंठबंधन की मांग करती आ रही है.विधानसभा चुनाव का नतीजा चाहे जो भी हो, एक बात तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2016 7:48 AM
विधानसभाचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हराने के िलए आखिरकार प्रदेश कांग्रेस व वाम मोरचा के बीच गंठबंधन लगभग तय हो गया है. इस बारे में फैसला माकपा प्रदेश कमेटी को लेना है, जो पहले से ही ऐसे गंठबंधन की मांग करती आ रही है.विधानसभा चुनाव का नतीजा चाहे जो भी हो, एक बात तो तय है िक इस गंठबंधन से तृणमूल कांग्रेस की चिंता जरूर बढ़ गयी है.
कोलकाता: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से एकजुट होने का आह्वान किया है. दो दिवसीय माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक के बाद श्री येचुरी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस बाबत कोई भी फैसला अब राज्य कमेटी लेगी. यह फैसला कब और कैसे लिया जायेगा. यह राज्य कमेटी ही तय करेगी. सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ चर्चा कर राज्य कमेटी की ओर से एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी, जिसे पार्टी पोलित ब्यूरो को भी भेजी जायेगी. रिपोर्ट में दिये गये संबंधित किसी प्रस्ताव पर चर्चा के बाद पोलित ब्यूरो की ओर से फैसला लिया जायेगा. उसके बाद वाम मोरचा राज्य कमेटी के समक्ष माकपा राज्य कमेटी की ओर से प्रस्ताव रखा जायेगा.
सीताराम येचुरी ने कहा कि बंगाल में लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर खतरा बना हुआ है. राज्य में लोकतंत्र की रक्षा करना पार्टी का प्रमुख कार्य है. उन्होंने दावा किया कि पूर्व वाम मोरचा सरकार के सत्ता में रहने के दौरान राज्य में लोकतंत्र पर किसी भी प्रकार का खतरा नहीं रहता था. तब राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द कायम था.
आरोप के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से राज्य का विकास तो थम ही गया है, लोगों के अधिकारों का भी हनन हो रहा है. राज्य में फैली अराजकता की स्थिति की समाप्ति के लिए तृणमूल सरकार को सत्ता से बेदखल करना जरूरी है. तृणमूल के खिलाफ लोगों के एकजुट होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि तृणमूल व भाजपा के बीच समझौता हो चुका है. तृणमूल कांग्रेस को सारधा चिटफंड कांड की जांच के मामले में केंद्र की भाजपा सरकार की मदद की जरूरत है. वहीं, भाजपा की सरकार को संसद में तृणमूल की जरूरत है. आरोप के अनुसार यही वजह है कि सारधा चिटफंड कांड की जांच की गति धीमी हो गयी है, वहीं, तृणमूल संसद में केंद्र सरकार को मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है. इस खतरे के खिलाफ सभी को एकजुट करने की जरूरत है.
जरूर होगा गंठबंधन : अधीर
कोलकाता. माकपा केंद्रीय कमेटी की ओर से गंठबंधन के प्रति सहमति जताने के बाद से पश्चिम बंगाल की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. गैर तृणमूल व गैर भाजपा दलों में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है. माकपा केंद्रीय कमेटी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि राज्य के लोग पहले ही यह तय कर चुके हैं कि तृणमूल को हटाने के लिए एकजुट होने की जरूरत है. हम भी गंठबंधन की बात से पीछे नहीं हटे हैं आैर न ही मना किया है. गंठबंधन तो करना ही होगा. वैसे लोगों के बीच तो गंठबंधन पहले ही हो चुका है. उन्होंने कहा : तृणमूल कांग्रेस के अत्याचार से पीड़ित राज्य की जनता ने खुद ही उसे हटाने की तैयारी शुरू कर दी है. अब प्रदेश माकपा जो भी फैसला ले, राज्य की जनता तो गंठबंधन के पक्ष में है. और जनता के इस फैसले का हमें सम्मान करना चािहए. हालांकि प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ मानस रंजन भुईंया इस गंठबंधन के िखलाफ हैं.

Next Article

Exit mobile version