गंठबंधन पर वामो का क्लीन चिट, सीटों पर बातचीत शुरू

कोलकाता. माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक के बाद यह साफ हो गया कि बंगाल में माकपा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व भाजपा विरोधी समेत धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का फ्रंट जल्द तैयार करेगी. यानी कांग्रेस से सीधे तौर पर नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से माकपा समझौता कर सकती है. शुक्रवार को राज्य में माकपा सचिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2016 1:36 AM
कोलकाता. माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक के बाद यह साफ हो गया कि बंगाल में माकपा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व भाजपा विरोधी समेत धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का फ्रंट जल्द तैयार करेगी. यानी कांग्रेस से सीधे तौर पर नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से माकपा समझौता कर सकती है. शुक्रवार को राज्य में माकपा सचिव मंडली की अहम बैठक हुई. इस फ्रंट में वाममोरचा के बाहर वाले दलों के अलावा कांग्रेस का भी शामिल होना लगभग तय है. हालांकि वाममोरचा के बाहर कुछ अन्य वामपंथी दलों की ओर से कांग्रेस से किसी भी प्रकार का गंठबंधन का शुरू से ही विरोध किया जा रहा है.

इन दलों में एसयूसीआइ और भाकपा (माले) का नाम प्रमुख है. ऐसे भी वामपंथी दल हैं जो कांग्रेस से संभावित गंठबंधन का पक्ष ले रहे हैं. उनकी ओर से कहा है कि राज्य में लोकतंत्र की रक्षा के लिए तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में उखाड़ फेंकना जरूरी है. ऐसे में तमाम धर्मनिरपेक्ष दलों का एकजुट होना काफी अहम बताया गया है. माकपा केंद्रीय कमेटी ने विगत गुरुवार को ही साफ कर दिया है कि बंगाल में फ्रंट तैयार का फैसला माकपा केंद्रीय कमेटी नहीं, वरन बंगाल की राज्य इकाई लेगी.

ध्यान रहे कि इस महीने होने वाले वाममोरचा राज्य कमेटी और माकपा राज्य कमेटी की बैठक में कांग्रेस से संभावित गंठबंधन को लेकर चर्चा किये जाने पर पहले ही सहमति जतायी जा चुकी है. इधर प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए वामपंथी दलों से गंठबंधन किये जाने का पक्ष लिया है. शुक्रवार को ही करीब 13 वामपंथी दलों की अहम बैठक हुई थी.

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