श्री भागवत ने सोमवार को उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क विभाग के तत्वावधान में बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के हॉल में ‘चार्टेड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज तथा कॉस्ट एकाउंटेंट की राष्ट्र निर्माण में भूमिका’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान श्रोताओं से सवाल-जवाब के दौरान कहीं. सभा में एक श्रोता ने पूछा था कि प्रधानमंत्री आरएसएस के स्वयंसेवक हैं. इसके बावजूद अभी भी कई समस्याएं हैं. किसानों की समस्याओं के संबंध में एक सवाल के जवाब में श्री भागवत ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर संघ की ओर से केंद्र सरकार को सुझाव दिये गये हैं. समस्याओं के समाधान की कोशिश हो रही है. असम की समस्या के संंबंध में पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में श्री भागवत ने कहा कि असम की समस्या के संबंध में लगातार काम कर रहे हैं. केंद्र सरकार को सुझाव व परामर्श दिया जा रहा है. असम की समस्या गंभीर है. इस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है. वे लोग लंबे समय से इस विषय पर काम कर रहे हैं.
यदि वे लोग एकजुट रहेंगे, तो कोई देश की अखंडता को नहीं तोड़ सकता है. मानव निर्माण ही आरएसएस का लक्ष्य है. आरएसएस भाषा, जाति या संप्रदाय के नाम पर विभेद नहीं करता है. भारत माता की संतान के रूप समाज को एकजुट करना होगा. भारत को जीतना चाहिए. हिंदुत्व, जो विविधता में एकता का प्रतीक है, ही विश्व में बचने का मार्ग है. हमलोगों को अपने पर विश्वास होना चाहिए.इस अवसर पर मुख्य अतिथि कोल इंडिया के एकाउंटेंट सेक्शन के पूर्व प्रमुख नीलोत्पल मजूमदार, महानगर संघचालक सुशील राय, क्षेत्रीय संघचालक अजय नंदी, सह सर कार्यवाहक वी भगइया व प्रांत प्रचारक विद्युत मुखर्जी सहित अन्य उपस्थित थे. स्वागत भाषण बीरेंद्र पाल ने दिया.