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मोहन भागवत ने नरेंद्र मोदी को दी क्लीन चिट, कहा पीएम ही सभी समस्याओं का हल नहीं

कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं. समाज के सभी वर्ग को राष्ट्रहित में कार्य करना होगा. राष्ट्र के हितों को ध्यान में रख कर सभी को अपनी […]

कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं. समाज के सभी वर्ग को राष्ट्रहित में कार्य करना होगा. राष्ट्र के हितों को ध्यान में रख कर सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी, तभी समस्याओं का समाधान संभव है और राष्ट्र का विकास हो सकता है.

श्री भागवत ने सोमवार को उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क विभाग के तत्वा‍वधान में बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के हॉल में ‘चार्टेड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज तथा कॉस्ट एकाउंटेंट की राष्ट्र निर्माण में भूमिका’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान श्रोताओं से सवाल-जवाब के दौरान कहीं. सभा में एक श्रोता ने पूछा था कि प्रधानमंत्री आरएसएस के स्वयंसेवक हैं. इसके बावजूद अभी भी कई समस्याएं हैं. किसानों की समस्याओं के संबंध में एक सवाल के जवाब में श्री भागवत ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर संघ की ओर से केंद्र सरकार को सुझाव दिये गये हैं. समस्याओं के समाधान की कोशिश हो रही है. असम की समस्या के संंबंध में पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में श्री भागवत ने कहा कि असम की समस्या के संबंध में लगातार काम कर रहे हैं. केंद्र सरकार को सुझाव व परामर्श दिया जा रहा है. असम की समस्या गंभीर है. इस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है. वे लोग लंबे समय से इस विषय पर काम कर रहे हैं.

ताली से भंग होती है तारतम्यता
संघ की सभा में ताली नहीं बजाये जाने पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में श्री भागवत ने कहा कि किसी भी सभा में ताली बजाने के खिलाफ नहीं हैं. वे लोग भी किसी अन्य कार्यक्रम में जाते हैं, तो सभा के अनुरूप ताली बजाते हैं, लेकिन आरएसएस की परंपरा के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान ताली नहीं बजायी जाती है. क्योंकि उन लोगों का मानना है कि इससे अनुशासन भंग होता है तथा कार्यक्रम की तारतम्यता बाधित होती है.
आरएसएस विभेद नहीं करता
इसके पहले श्री भागवत ने सभा में कहा कि समाज में परिवर्तन व राष्ट्र निर्माण के लिए सद्गुण संपन्न व सुविधा संपन्न व्यक्ति को नि:स्वार्थ भाव से गठनमूलक कार्य करना होगा. देश के सपनों को सकार करने के लिए इस वर्ग को अपनी भूमिका निभानी होगी. बुद्धिजीवी वर्ग को देश व समाज में परिवर्तन के लिए अपनी भूमिका निभानी होगी, तभी परिवर्तन संभव हो पायेगा. उन्होंने सीए व सीएस सहित फाइनेंस प्रोफेसनल्स की राष्ट्र निर्माण में भूमिका की व्याख्या करते हुए कहा कि वित्त राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी होता है, जो काफी महत्वपूर्ण है.

यदि वे लोग एकजुट रहेंगे, तो कोई देश की अखंडता को नहीं तोड़ सकता है. मानव निर्माण ही आरएसएस का लक्ष्य है. आरएसएस भाषा, जाति या संप्रदाय के नाम पर विभेद नहीं करता है. भारत माता की संतान के रूप समाज को एकजुट करना होगा. भारत को जीतना चाहिए. हिंदुत्व, जो विविधता में एकता का प्रतीक है, ही विश्व में बचने का मार्ग है. हमलोगों को अपने पर विश्वास होना चाहिए.इस अवसर पर मुख्य अतिथि कोल इंडिया के एकाउंटेंट सेक्शन के पूर्व प्रमुख नीलोत्पल मजूमदार, महानगर संघचालक सुशील राय, क्षेत्रीय संघचालक अजय नंदी, सह सर कार्यवाहक वी भगइया व प्रांत प्रचारक विद्युत मुखर्जी सहित अन्य उपस्थित थे. स्वागत भाषण बीरेंद्र पाल ने दिया.

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