कोयला अधिशेष का समाधान है उदय योजना
कोल इंिडया पर कोयला सचिव ने कहा कंपनी का है चार करोड़ टन अिधशेष उत्पादन कोलकाता. कर्ज के बोझ से ग्रस्त बिजली वितरण इकाइयों के पुनरुद्धार से जुड़ी ‘उदय योजना’ से कोल इंडिया के अधिशेष उत्पादन से निपटने में मदद मिलेगी. कोल इंडिया में फिलहाल चार करोड़ टन अधिशेष उत्पादन है. ये बातें बुधवार को […]
कोल इंिडया पर कोयला सचिव ने कहा
कंपनी का है चार करोड़ टन अिधशेष उत्पादन
कोलकाता. कर्ज के बोझ से ग्रस्त बिजली वितरण इकाइयों के पुनरुद्धार से जुड़ी ‘उदय योजना’ से कोल इंडिया के अधिशेष उत्पादन से निपटने में मदद मिलेगी. कोल इंडिया में फिलहाल चार करोड़ टन अधिशेष उत्पादन है.
ये बातें बुधवार को कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने एमजीएमआई द्वारा आयोजित छठवीं एशियाइ खनन कांग्रेस के मौके पर कहीं. उन्होंने कहा कि वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति उदय योजना सुधरने पर इसमें और ताकत आयेगी और इससे अगले छह महीने में कोयले की मांग बढ़ेगी. उदय योजना का लक्ष्य है राज्य की वितरण कंपनियों के 4.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का पुनर्गठन करना.
श्री स्वरूप ने कहा कि हम बिजली कंपनियों को और कोयले की आपूर्ति करने की कोशिश कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है कि दूर-दराज इलाकों की कंपनियां घरेलू आपूर्ति की जगह लें. उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घरेलू उत्पादन बढ़ने के साथ कोयला आयात घटे. इससे सरकार को काफी धन बचाने में मदद मिलेगी. सालाना तौर पर कोयला आयात में 16 प्रतिशत की कमी आयी है और चालू वित्त वर्ष में 25,000-30,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकेगी.