सीमेंट कारोबार के अधिग्रहण का मुद्दा, बिरला परिवार पहुंचा हाइकोर्ट

कोलकाता : बिरला परिवार के सदस्यों ने बिरला कारपोरेशन द्वारा अनिल अंबानी समूह के सीमेंट कारोबार के अधिग्रहण को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. इस कारोबार का संचालन हर्ष लोढा करते हैं. बिरला परिवार का दावा है कि यह अधिग्रहण परिवार या अदालत की अनुमति के बिना किया गया हैै. न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2016 7:34 AM
कोलकाता : बिरला परिवार के सदस्यों ने बिरला कारपोरेशन द्वारा अनिल अंबानी समूह के सीमेंट कारोबार के अधिग्रहण को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. इस कारोबार का संचालन हर्ष लोढा करते हैं. बिरला परिवार का दावा है कि यह अधिग्रहण परिवार या अदालत की अनुमति के बिना किया गया हैै. न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की पीठ के समक्ष सदस्यों ने दावा किया कि यह काम परिवार की अनुमति के बिना किया गया है और न ही अदालत की अनुमति ली गयी जबकि इस इस्टेट का नियंत्रण अदालत द्वारा नियुक्त विशेष अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. बिरला के अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि सीमेंट कारोबार मुनाफा नहीं कमा रहा है और इससे एस्टेट के हितों को चोट पहुंचेगी.
बिरला परिवार के सदस्यों और चार्टर्ड अकाउंटेंट आर एस लोढा के बीच 2004 में एक बड़ी कानूनी लड़ाई छिड़ गयी थी. लोढा ने दावा किया था कि एम पी बिडला की विधवा प्रियंवदा ने इस्टेट की सारी संपत्तियां उनके नाम कर दी हैं. उनके द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर परिवीक्षा याचिका को बिरला ने चुनौती दी है.
यह मामला अभी लंबित है. आर एस लोढा की मृत्यु के बाद हर्ष लोढा ने एम पी बिरला ग्रुप का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. हर्ष लोढा के वकील ने अदालत को बताया कि इसके लिए धन एस्टेट से नहीं लिया गया है और इसके लिए कोष समूह की प्रमुख कंपनी बिरला कारपोरेशन ने आंतरिक संसाधनों और अन्य स्रोतों से जुटाया है. मामले पर अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी.

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