सिंगूर पर बोलीं ममता: टाटा 600 एकड़ पर कारखाना लगाये, टाटा से बातचीत को तैयार
कोलकाता : सुश्री बनर्जी ने एक बांग्ला निजी टेलीविजन चैनल के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह टाटा के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सिंगुर पर उन लोगों ने अपना वादा पूरा किया है. सिंगुर के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन टाटा इसके खिलाफ अदालत में […]
कोलकाता : सुश्री बनर्जी ने एक बांग्ला निजी टेलीविजन चैनल के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह टाटा के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सिंगुर पर उन लोगों ने अपना वादा पूरा किया है. सिंगुर के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन टाटा इसके खिलाफ अदालत में गया है. उन्होंने अपना वादा पूरा किया है, लेकिन चूंकि मामला अदालत में हैं. वह कुछ नहीं कर सकती हैं, लेकिन वह वंचित किसानों को दो रुपये दर से किसानों को चावल देती रहेगी. वह सदा ही जबरन किसानों की जमीन अधिग्रहण के खिलाफ है.
मुकुल से कभी भी अलगाव नहीं हुअा
सुश्री बनर्जी ने कहा कि मुकुल राय के साथ कभी भी उनका अलगाव नहीं हुआ था. वरन भाजपा की ओर से दवाब डाला गया था. इससे ऐसी स्थिति पैदा हुई थी. मुकुल कभी भी उनसे दूर नहीं हुए थे.
ममता ने मदन का लिया पक्ष : सुश्री बनर्जी ने पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्रा का खुल कर पक्ष लिया. उन्होंने कहा कि श्री मित्रा को कमरहट्टी से उम्मीदवार बनाया गया है. वह चाहती है कि सारधा के दोषियों को सजा मिले,लेकिन कोई केवल इसलिए दोषी हो जाता है, क्योंकि वह किसी कार्यक्रम में गया था. उन्होंने कहा कि सारधा मामले में वह सबसे ज्यादा आपमानित हुई हैं. वह चाहती हैं कि असली दोषी को सजा मिले. उन्होंने कहा कि चिटफंड का मामला 2000 में शुरू हुआ था. यह सामने आये कि इनकों राज्य में कौन लाया है.
संसद में नहीं जाना खलता है : सुश्री बनर्जी ने कहा कि संसद में नहीं जाना उन्हें खलता है. वह पहले से ही संसद की राजनीति करती रही थीं, लेकिन अब वह संसद नहीं जा पाती है. यहां विधानसभा बहुत ही छोटा है. संसद में बहुत तरह की बात होती थीं.
बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग द्वारा यहां छह चरणों में चुनाव की घोषणा के संबंध में कहा कि बंगाल के साथ हमेशा ही सौतेला व्यवहार किया जाता है. हालांकि उन्होंने ममता ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो निर्णय किया है हम उसका पालन करेंगे, लेकिन हम इसे पसंद नहीं करते कि हमेशा बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. उन्होंने कहा कि छह चरणों में चुनाव कराने के चुनाव आयोग के निर्णय का हम स्वागत करते हैं. हम लड़ेंगे. लेकिन शांत प्रांत बंगाल में छह चरणों में चुनाव हो रहे हैं. इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है. वह आयोग के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहतीं, क्योंकि वह संवैधानिक निकाय है. उन्होंने कहा कि असम में सांप्रदायिक दंगे हुए और वहां दो दिनों में चुनाव हो रहे हैं. तमिलनाडु में काफी सीटें हैं वहां भी एक दिन में चुनाव होंगे. केरल में भी एक दिन में चुनाव होगा. ममता ने कहा कि यह तृणमूल के समक्ष चुनौती है कि वह बंगाल में गठबंधन के उम्मीदवारों की जमानत जब्त कराये. वह कांग्रेस और माकपा से पूछना चाहती हैं कि केरल में वे एक-दूसरे के खिलाफ क्यों लड़ रहे हैं, जबकि यहां उनका गठबंधन है. वे केरल में भी सीटों का बंटवारा कर सकते थे और संयुक्त सरकार बना सकते थे और चुनाव आयोग का धन बचा सकते थे. भाजपा के बारे में उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) नहीं चाहते कि बंगाल में शांतिपूर्ण धर्मनिरपेक्ष सरकार रहे.